Sat. Nov 16th, 2024
    सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हरियाणा सरकार को डांट

    सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मनोहर लाल खट्टर के हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने सवालिया लहजे में कहा है कि,”आपको क्या लगता है आप सर्वोच्च हैं?” साथ ही यह भी कहा है कि वे सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ जाकर नया कानून बनाने की कोशिश न करें।

    कोर्ट ने कड़े शब्दों में खट्टर सरकार के ऊपर अवमानना का केस दर्ज किए जाने की चेतावनी दी है। जस्टिस अरुण मिश्र की अगुवाई वाली जजों की बेंच ने हरियाणा सरकार को गुस्से भरे लहजे में याद दिलाया है कि आप सुप्रीम नहीं हैं, कानून का शासन ही सर्वोपरि है। साथ ही यह भी कहा कि आप जंगल को नष्ट कर रहे हैं और यह अनुमन्य नहीं है।

    बुधवार को हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के विरोध के बाद भी पंजाब भूमि परिरक्षण अधिनियम-1900 में संशोधन किया गया और इस मामले में संशोधन विधेयक-2019 को पारित कर दिया गया और हरियाणा विधानसभा में भूमि परिरक्षण अधिनियम संशोधन विधेयक पारित किया गया।

    बता दें कि बता दें कि साल 2018 अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खनन के चलते राजस्थान के अरावली क्षेत्र से 31 पहाड़ियां विलुप्त होने पर अपनी चिंता जाहिर की थी। कोर्ट ने अरावली की पहाड़ियों पर अंधाधुंध खनन पर सख्त नाराजगी जताते हुए सरकार से 48 घंटों के भीतर खनन रोकने का आदेश दिया था।

    सुनवाई के दौरान जस्टिस मदन भीमराव लोकुर ने कहा था कि एप्का की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा की सीमा वाले इलाकों से 31 पहाड़ गायब हो गए हैं। आखिर जनता में तो हनुमान की शक्ति नहीं आ सकती कि वो पहाड़ ही ले उड़ें। ऐसे में इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ अवैध खनन ही हो सकता है। बाद में कोर्ट की ओर से कड़ा रुख करके पूछे जाने पर राजस्थान सरकार को भी यह बात माननी पड़ी थी कि अरावली में 115.34 हेक्टेयर जमीन पर खनन किया गया था।

    One thought on “अरावली जमीन पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हरियाणा सरकार को फटकार”
    1. #शुक्रिया_सर्वोच्च_न्यायालय
      मोदी, बीजेपी के मुख्यमंत्री और अन्य बीजेपी नेता सर्वोच्च न्यायालय की भी परवाह कतई नहीं करते. कभी सर्वोच्च न्यायालय में झूठ बोल कर उसे गुमराह करते हैं #राफाल_प्रकरण कभी सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना. हरियाणा सरकार पर अरावली पर्वत प्रकरण में कड़ी फटकार और उसके निर्णय पर रोक.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *