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    सूडान में प्रदर्शन

    अरब राष्ट्र सूडान में ट्रांजीशन का समर्थन करते हैं जो जनता की आकांक्षाओं को संतुलन के साथ स्थिर करेगी। सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने बीते माह सूडान को 3 अरब डॉलर धनराशि मुहैया करने का संकल्प लिया था।

    दोनो ही मुल्कों ने देश के नए नेता को समर्थन किया है जो जमाल अल बशीर के बाद राष्ट्रपति की कुर्सी संभालेगा। सत्ता के हस्तांतरण के लिए प्रदर्शनकारी और कार्यकर्ता सैन्य परिषद के साथ संयुक्त सरकार के गठन के लिए बातचीत कर रहे हैं।

    अलबत्ता इस पर संशय बरकरार है कि कौन अगली सैन्य परिषद का मुखिया होगा। यूएई के विदेश मामलों के मंत्री अनवर गरगाश ने कहा कि “सूडान में स्थिर और व्यवस्थित सत्ता के हस्तांतरण करने के लिए अरब राज्य तैयार है। वो जो संस्थानों की स्थिरता के साथ सावधानीपूर्वक इच्छाओं का समागम कर सके।”

    उन्होंने कहा कि ” हमने क्षेत्र में सभी अराजक्ताओं का अनुभव किया है और अब अधिक की जरूरत नहीं है।” सूडान के विपक्षी समूह राजनीतिक हस्तांतरण के लिए नागरिक नियंत्रित परिषद की मांग कर रहे हैं।

    यूएई और सऊदी अरब परिषद के अध्यक्ष अब्देल फतह अल बुरहान और उनकव सहयोगी मोहम्मद हमदान डागलो का समर्थन कर रहे हैं। क्योंकि उन्होंने यमन में सऊदी गठबंधन का साथ देने का संकल्प लिया है।

    बुरहान की नियुक्ति का यूएई ने तत्काल स्वागत किया था और कहा कि वह सूडान की मदद में तीव्रता लाएंगे। वह सूडान को गेंहू, ईंधन और दवाइयां मुहैया करेंगे।

    दोनो करीबी मुल्कों ने वित्तीय सहायता भी मुहैया की थी उन्होंने सूडानी सेंट्रल बैंक में 5 करोड़ डॉलर जमा किये थे। इतने वर्षों में खाड़ी से मिलने वालों पहली मदद का सार्वजनिक तौर पर ऐलान किया गया था।
    यूएई और सऊदी अरब

    बढ़ते राजनीतिक इस्लामिक आंदोलनों को खत्म करने के लिए एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं। वह मिस्र के सैन्य नया राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल सीसी का समर्थन करते हैं। मिस्र में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चयनित इस्लामिक राष्ट्रपति मोहमद मुर्सी को सत्ता से बेदखल कर दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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