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    बिहार के सारण जिले की एक अदालत में हैदराबाद के सांसद मोहम्मद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ बयान देने को लेकर एक परिवाद पत्र दायर किया गया है। सारण के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में बाबरी मस्जिद विवाद में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ बयान देने को लेकर अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु कुमार सिंह ने अपने अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह के माध्यम से परिवाद दर्ज कराया है।

    अधिवक्ता सिंह ने बताया कि गुरुवार को दर्ज कराए गए परिवाद पत्र में सांसद ओवैसी पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के विरुद्घ बयान देने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ आवाज उठाना या बयान देना राष्ट्रद्रोह की परिधि में भी आता है। पत्र में कहा गया है कि ओवैसी के बयान से भारत के हिन्दुओं का मन आहत हुआ है।

    परिवाद पत्र में सांसद के विरुद्घ भारतीय दंड विधान की धारा 124ए , 225ए, 505ए बी (2) तथा 66ए आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किए जाने की मांग की गई है।

    अधिवक्ता सिंह ने बताया कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नूर सुल्ताना ने दाखिल परिवाद संख्या 3909/19 को सांसद एवं विधायकों के लिए गठित विशेष न्यायालय के विशेष न्यायिक पदाधिकारी सह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (एसीजेएम) प्रथम अनुराग कुमार त्रिपाठी के न्यायालय में सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई चार दिसंबर को तय की गई है।

    उल्लेखनीय है कि अयोध्या राममंदिर भूमि विवाद के मामले में नौ नंवबर को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर एआईएमआईएम प्रमुख और लोकसभा सांसद ओवैसी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि मस्जिद की जमीन का कोई सौदा नहीं किया जा सकता।

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