Mon. Nov 25th, 2024

    सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद शीर्षक विवाद में मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि उन्हें मामले से बर्खास्त कर दिया गया है।

    सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी देते हुए अधिवक्ता राजीव धवन ने बताया कि उन्हें बाबरी मामले में जमीयत का प्रतिनिधित्व कर रहे, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एजाज मकबूल द्वारा बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि बिना किसी आपत्ति के बर्खास्तगी को स्वीकार करते हुए, औपचारिक पत्र भेज दिया है। अब मामले की समीक्षा में मैं शामिल नहीं हूं।

    उसे आगे कारण बताते हुए उन्होंने लिखा कि “मुझे सूचित किया गया है कि श्री मदनी ने संकेत दिया है कि मुझे मामले से हटा दिया गया था क्योंकि मैं अस्वस्थ हूं। यह कुल बकवास है। उन्हें अपने वकील एओआर एजाज मकबूल को मुझे बर्खास्त करने का निर्देश देने का अधिकार है, जो उनके निर्देशों पर किया गया है। लेकिन इसका जो कारण बताया गया है वह दुर्भावनापूर्ण और असत्य है।

    राजीव धवन ने तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच के समक्ष मुस्लिम पक्ष के लिए मामले पर बहस की थी। उन्होंने मामले में 40 दिन तक की गई सुनवाई में दो सप्ताह से अधिक समय तक बहस जारी रखी थी।

    जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अशद मदनी द्वारा यह याचिका दायर की गई है। अयोध्या शीर्षक विवाद में 9 नवंबर के फैसले को चुनौती देने वाली समीक्षा याचिका में मुस्लिम पक्षकारों ने सवालों की लाइन लगा दी है।

    समीक्षा याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत ने हिंदू पक्षों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 14 प्रमुख बिंदुओं को नजरअंदाज कर दिया है। “संचित निर्णय के आधार पर, सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद को नष्ट करने और उक्त स्थान पर भगवान राम के मंदिर का निर्माण करने के लिए प्रभावी रूप से अनुमति दी है”, समीक्षा याचिका में कहा गया है कि न्याय के बिना शांति संभव नहीं है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *