रविवार को पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में राष्ट्रीय अल्पसंखयक आयोग के प्रमुख ग़यारौल हसन रिज़वी ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण अवश्य होना चाहिए। हिन्दुओ को अयोध्या में राम मंदिर बनाने की अनुमति दे देनी चाहिए ताकि वहाँ के मुस्लिम समुदाय सुख और शांति से रह सके, और देश के विकास में अपना योगदान दे सके।
रिज़वी ने राम मंदिर बाबरी मस्जिद का ज़िक्र करते हुए कहा कि हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे को जनवरी में स्थगित कर दिया था लेकिन मेरा मानना है कि इस विवाद को जितनी जल्दी हो सके, सुलझा लेना चाहिए।
अगस्त में शिया वक़्फ़ बोर्ड ने कहा था कि वह अयोध्या राम मंदिर विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहते हैं, और वह इलाहाबाद हाई कोर्ट का समर्थन करते हुए हिन्दू समुदाय को राम मंदिर निर्माण के लिए एक तिहाई ज़मीन देने के लिए तैयार हैं।
रिज़वी ने कहा कि कुछ मुस्लिम संगठनो ने अदालत के मुक़दमे को तेज़ करने के लिए संगठन के हस्तछेप की मांग की थी। 14 नवंबर को पैनल इस मुद्दे को सुप्रीम्र कोर्ट में स्थानांतरित करने पर फैसला करेगा। राष्ट्रीय अल्प संख्यक कल्याण संगठन तथा कुछ और मुस्लिम संगठनो ने हमे सुचना भेजी है कि मुस्लिम समुदाय भय में जी रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने आयोग को मौजूदा माहौल में सुधार करने पर पहल करने का आग्रह किया है।
रिज़वी ने मुस्लिम संगठन के सदस्यों से आग्रह किया है कि वे संविधान के दायरे में रहते हुए कोई भी कदम उठायें ताक़ि इस तरह की कोई घटना दुबारा न हो। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि उनका मानना है कि अयोध्या में न ही मस्जिद बनाया जा सकता है और ना ही नमाज़ अदा की जा सकती है। अयोध्या शत प्रतिशत हिन्दुओ का है।