अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलफ 13 अपीलों पर सुनवाई करने जा रही है। इलाहबाद हाई कोर्ट ने विवादित स्थल जो की 2.7 एकड़ में है उसे तीन हिस्सों में हिन्दू, मुस्लिम और निर्मोही अखाड़ा को दे दिया था।
यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ कर रही है। इस पीठ की मुख्य अगुवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा कर रहे है। जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अहमद नजीर भी इस पीठ में शामिल है। उम्मीद लगाया जा रहा है कि पीठ इस मामले की सुनवाई रोजाना करेगी। हालाँकि, सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस नमक संगठन ने अपील दायर कर इस मामले में हस्तशेप करने की मांग की है। इसके जरिए श्याम बेनेगल, अपर्णा सेन समेत कई हस्तियों ने कहा है कि अयोध्या एक ऐसी जगह है कि निर्वादित तौर पर सभी के लिए है।
अपीलों में ये शामिल
शीर्ष कोर्ट में जो याचिकाय दाखिल की गई है उनमे सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड (यूपी) निर्मोही अखाड़ा और आल इंडिया हिन्दू महासभा संगठन शामिल है।
90000 पन्नो का अनुवाद
याचिकाकर्ताओं ने जो तथ्य और प्रमाण पेश किये है, उनका हिंदी से अंग्रेजी समेत सात भाषाओ में अनुवाद किया गया। यह दस्तावेज कुल 90 हजार पन्नो में है।
हाई कोर्ट ने दिया था यह फैसला
30 दिसम्बर 2010 को इलाहबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। जिसके बाद विवादित स्थल की दो तिहाई जमीन हिन्दुओ और एक तिहाई जमीन मुस्लिमो को देने बात कही गई थी। लेकिन इस फैसले से दोनों ही पक्ष सहमत नहीं थे। दोनों पक्षों की सहमति इस फैसले पर नहीं बन पाई जिसके कारन दोनों पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बता दे कि हाई कोर्ट में यह मामला आठ साल चला था। जिसकी शुरुआत 2002 में हुई थी।
लेकिन अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है। आज इस मामले पर सुनवाई शुरू हो गई है। अब देर है तो सिर्फ फैसले का।