Mon. Dec 23rd, 2024
श्री श्री रविशंकर

अयोध्या के रामलला के मंदिर और बाबरी मस्जिद का मसला श्री श्री रविशंकर आपसी मतभेद को भुला कर दोनों पक्षों के सहमति से निपटाना चाहते है। श्री श्री रविशंकर सोमवार को दिल्ली में दोनों पक्षों के कई लोगो से मुलाकात की और इस मामले पर सहमति बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि अयोध्या मामला केवल आपसी सहमति से ही मुमकिन है। श्री श्री 16 को अयोध्या जा रहे है लेकिन इससे पहले वह 15 को लखनऊ में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे।

अयोध्या के इस आपसी सहमति वाले बात पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि श्री श्री बिना बात के इस मामले में हस्तक्षेप कर रहे है।

बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान श्री श्री ने हिंदू महासभा के प्रमुख और सिया वक्फ बोर्ड के सदस्यों से मुलाकात में कहा था कि यह मामला आपसी सहयोग से ही मुमकिन है। रविशंकर अयोध्या मामले का हल निकालने की कोशिश में लगे हुए है।

सोमवार को दिल्ली में श्री श्री ने अलग अलग लोगो से मिलकर उनका विचार जानने की कोशिश करते रहे। श्री श्री ने जिन लोगो से बात की उनमे एक थे हिन्दू महासभा के चक्रपाणी महाराज, हजरत निजामुद्दीन दरगाह के मौलाना सैयद हम्माद निजामी, अजमेर शरीफ दरगाह के सैयद फकहर काजमी चिश्ती, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कमाल फारुखी, सहारनपुर के मौलाना महताब आलम और बाबर के वंशज प्रिंस याकूब शामिल थे।

दोनों पक्षों से मिलने के बाद श्री श्री ने कहा कि कोई ऐसा समाधान निकाले जिससे किसी पक्ष की हार ना हो और बिना किसी मतभेद के इस मामला में सुलह हो जाये। एक ऐसे फार्मूले पर सहमति बनाई जा रही है जिससे विवाद स्थल पर ही राम मंदिर और मस्जिद बन सके।

वहीं श्री श्री से मिलने के बाद हिन्दू महासभा के चक्रपाणी महाराज ने कहा कि अगर कोर्ट इस पर फैसला देगा तो एक पक्ष की जीत और दूसरे पक्ष की हार होगी। लेकिन आपसी सहमति से इस मामले को सुलझाया जाये तो दोनों पक्षों में संतुष्टि होगी।

अयोध्या मामले में श्री श्री के मध्य में आने से असुदुद्दीन ओवैसी ने यह सवाल उठाया की बिना किसी बात के वह इस मामले में टांग क्यों अड़ा रहे है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी श्री श्री को भारतीय जनता पार्टी का एजेंट करार दिया है। कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा गया कि कोर्ट ने यह जरूर बोला है कि बातचीत से इसका हल निकल सकता है। लेकिन रविशंकर को इस मामले में मध्यस्था करने की इजाज़त किसने दे दी है।

श्री श्री से जब इस विवाद के बारे में पूछा गया कि आप ऐसा क्यों कर रहे है तो उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए मुझे किसी के आदेश कि जरुरत नहीं। फ़िलहाल श्री श्री ने जो कदम उठाया है उससे कोई हल निकलने वाला नहीं है क्योकि जिनलोगो से वह मिले है वह कोर्ट में चल रहे मुकदमे के मुख्य पार्टी नहीं है। इस मामले में मुख्य पार्टी सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा है जिनसे बातचीत के दौरान हल निकल सकता है।