9 दिसंबर रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में राम मंदिर के निर्माण के लिए हुई विश्व हिन्दू परिषद् की धर्मसभा में करीब एक लाख लोग जुटे।
बड़े से मंच पर करीब 3 दर्जन साधू संतों के अलावा वीएचपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बड़े नेताओं की मौजूदगी में मंदिर निर्माण के लिए क़ानून बनाने की वकालत की गई। मंच से बोलते हुए आरएसएस सर संघसंचालक भैया जी जोशी ने कहा “अगर कोर्ट के पास मंदिर निर्माण के लिए जल्दी सुनवाई करने का वक़्त नहीं है तो अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाओ।”
इस धर्मसभा में अपने दुसरे बड़े नेता को भेज कर संघ ने ये जताने की कोशिश की है अब मंदिर निर्माण के नए आन्दोलन में संघ महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
संत हंसदेवाचार्य ने कहा “जो लोग नहीं चाहते कि मंदिर का निर्माण हो वो सामने आये, रामभक्त आपके पीछे कोई निशाँ नहीं छोड़ेंगे।” उन्होंने उग्र भाषण देते हुए कहा “अगर हमें कोर्ट से मंजूरी मिलती है तो अच्छी बात है, अगर संसद और सरकार क़ानून बना कर मंजूरी देती है तो और भी अच्छी बात है लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो कल एक और 6 दिसंबर होगा और राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जायेगा।” उन्होंने भीड़ से कसम खाने को कहा अगली बार भी वो नरेंद्र मोदी को वोट दे। उन्होंने कहा कि जब तक मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो जाता तब तक उन्हें सत्ता में रहना होगा।
धर्मसभा के लिए रामलीला मैदान में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाज़ियाबाद, फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश के अन्य भागों से बड़ी संख्या में लोग आये थे।
कुछ लोग इसलिए आये थे क्योंकि छुट्टी का दिन था, कुछ इसलिए आये थे क़ी उनके दोस्त आ रहे थे। कविता चौधरी ने कहा “हमारे क्षेत्र से सभी आ रहे थे। हमने किसी को पीछे नहीं छोड़ा। ३ दिन पहले हमें सन्देश मिला तय किया कि मोहल्ले में से कोई नहीं छूटना चाहिए।”