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    राम बारात इस साल 21 नवंबर को अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के लिए रवाना होगी। इस साल सुप्रीम कोर्ट से राममंदिर के पक्ष में आए फैसले के बाद बारात और धूमधाम से निकाली जाएगी।

    विश्व हिंदू परिषद (विहिप) हर साल साल इसका आयोजन करती है और दो सुसज्जित रथों पर युवा राम, भरत, लक्ष्मण के रूप में सजकर निकलते हैं।

    करीब 200 लोगों की इस बारात में संत भी शामिल होंगे। वे दो दर्जन कारों एवं बसों में सवार होकर 21 नवंबर को अयोध्या से निकलेंगे और 28 नवंबर को सीता की नगरी जनकपुर पहुंचेंगे। इसके साथ ही इस यात्रा के दौरान कई अन्य लोग इसमें शामिल होंगे।

    प्राचीन परंपरा के अनुसार, इस बारात में किसी महिलाओं के शामिल होने की अनुमति नहीं होती है।

    बारात गाजीपुर, छपरा, पटना और सीतामढ़ी होते हुए जनकपुर पहुंचेगी।

    विविप प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक दिसंबर को जनकपुर में होने वाले विवाह समारोह में आमंत्रित किया गया है।

    नेपाल के राजशाही परिवार को इस समारोह के लिए आमंत्रित किया जाता है।

    इस समारोह का आयोजन विहिप की संस्था धर्मयात्रा महासंघ द्वारा किया जाता है। महासंघ धार्मिक यात्राओं का कामकाज देखता है।

    उत्तर भारतीयों की कुछ दशक पहले तक की परंपरा के मुताबिक बारात जनकपुर में तीन दिन रुकेगी।

    विहिप नेताओं के मुताबिक, 400 अतिथियों के लिए होटल एवं लॉज पहले ही बुक करा दिए गए हैं।

    जनकपुर के दशरथ मंदिर में ‘तिलकोत्सव’ 29 नवंबर को और ‘कन्या पूजन’ 30 नवंबर को होगा। इसके बाद एक दिसंबर को ‘रामलीला’ ‘धनुष यज्ञ’ और ‘जयमाला’ होगा।

    इसके बाद दो दिसंबर को ‘कलेवा’ होगा, जिसके बाद बारात वापस विदा होगी, जो कि गोरखपुर होते हुए अयोध्या लौटेगी।

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