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    अनिल अंबानी, कर्ज अदायगी

    भारत में रफाल विमान का विवाद थम नहीं रहा था कि तभी एक बयान जारी हुआ कि फ्रांस की दस्सौल्ट कंपनी ने रफाल विमान के निर्माण के लिए भारत की रिलायंस ग्रुप का चयन किया है और यह निर्णय भारत के प्रधानमंत्री के आग्रह पर लिया गया है।

    दस्सौल्ट कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री के सत्ता पर आने से पूर्व ही रिलायंस समूह की काबिलियत के कारण उन्हें इस सौदे का भागीदार बनाया गया। फ्रांस कंपनी के अधिकारी ने कहा कि रिलायंस हमारी मर्जी से इस डील का भाग है और उनका परिवार इज्ज़तदार है।

    भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ़्रन्कोइस हॉलैंड ने साल 2016 में रफाल समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ़्रन्कोइस हॉलैंड ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि उनके अनुरोध पर ही रिलायंस को प्रोजेक्ट में भागीदार बनाया गया है।

    दस्सौल्ट कंपनी के अधिकारी ने बताया कि हमने रिलायंस को साल 2011-12 में ढूंढ लिया था। इस समय भारत में न तो पीएम मोदी थे और न ही फ्रांस में राष्ट्रपति हॉलैंड थे।

    उन्होंने भारत सरकार के अनुरोध पर रिलायंस को भागीदार बनाने के आरोपों को खारिज किया और कहा कि दस्सौल्ट रफाल सौदे के लिए 30 अन्य कंपनियों से डील कर चुका है। हमने रिलायंस समूह से डील इसलिए की क्योंकि वे इज्ज़तदार लोग हैं।

    एरिक ट्रेपियर ने कहा कि दस्सौल्ट जांच के लिए तैयार है और रफाल सौदे में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि हम भारत, फ्रांस और कॉन्ट्रैक्ट के नियमों पर सख्त है और हम भ्रष्टाचार के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि भारत या फ्रांस की तरफ से कोई जांच की जाएगी तो हम इस जांच में पूरा सहयोग करेंगे और साबित कर देंगे कि इस सौदे में कोई धांधली नहीं हुई है।

    एरिक ट्रेपियर ने बताया कि रिलायंस के साथ दस्सौल्ट का बिज़नस 30000 करोड़ का नहीं बल्कि 850 करोड़ का है। भारत को 36 लडाकू विमानों का बेहतरीन सौदा मिला है जबकि पूर्वर्ती सरकार कांग्रेस के नेतृत्व में सिर्फ 18 विमानों का ही सौदा हुआ था।

    भारत और फ्रांस ने साल 2016 में भारतीय वायुसेना के लिए 36 रफाल विमानों का सौदा फ्रांसिसी कंपनी दस्सौल्ट से किया था।

    20 जुलाई को कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गाँधी ने पीएम मोदी और रक्षा मंत्री निरमला सीतारमण पर रफाल समझौते की बाते छुपाने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि न सिर्फ भारत इस सौदे की अधिक कीमत अदा कर रहा है बल्कि इसकी आड़ में बिजनेसमैन अम्बानी को भी फायदा पहुंचाया जा रहा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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