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    मुकेश अंबानी

    हाल ही में संपन्न हुए वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में मुकेश अम्बानी ने गुजरात में निवेश करने के साथ-साथ नए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म लांच करने की योजना के बारे में बताया। उन्होंने बताया की वे छोटे व्यापारियों के हित के लिए ऐसा कर रहे हैं।

    जिओ के बड़े नेटवर्क से मिलेगी मदद :

    मुकेश अम्बानी ने कुछ साल पहले जिओ लांच किया था जिसमे ग्राहकों को फ्री लाभ की पेशकश दी गयी थी। ऐसा होने पर बड़ी संख्या में ग्राहक दुसरे प्रदाताओं को छोड़कर जिओ से आ जुड़े थे जिससे जिओ के पास ग्राहकों का बड़ा नेटवर्क है।

    तेजी से बढ़ते जिओ के वर्तमान में 280 मिलियन ग्राहक हैं, जबकि अंबानी की खुदरा शाखा 6,500 से अधिक भारतीय शहरों और कस्बों में लगभग 10,000 आउटलेट संचालित करती है।  अब यदि रिलायंस नयी योजना बनाता है तो इसे जिओ के बड़े ग्राहक के नेटवर्क का फायदा मिलेगा।

    मुकेश अम्बानी का बयान :

    9वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में संबोधन के दौरान मुकेश अम्बानी ने कहा “जिओ और रिलायंस रिटेल मिलकर गुजरात में हमारे 12 लाख छोटे खुदरा विक्रेताओं और दुकानदारों को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए एक अनूठा नया ई-कॉमर्स प्लेटफार्म लॉन्च करेंगे।”

    अंबानी पिछले कुछ समय से ई-कॉमर्स में अपनी योजनाओं का विवरण प्रकट कर रहे हैं। जुलाई में, उन्होंने कहा कि उनका प्लेटफॉर्म “इमर्सिव शॉपिंग अनुभव” बनाने के लिए संवर्धित वास्तविकता, होलोग्राफ और आभासी वास्तविकता का उपयोग करेगा।

    क्यों है यह ई-कॉमर्स प्लेटफार्म लांच करने का सही समय :

    रिलायंस द्वारा ई-कॉमर्स प्लेटफार्म लांच करने का यह सही समय हो सकता है क्योंकि पिछले महीने ही सरकार ने विदेशी ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं जैसे वालमार्ट एवं अमेज़न से सम्बंधित नियम सख्त कर दिए हैं जिससे वे बड़े डिस्काउंट नहीं दे पायेंगे एवं अपने स्वामित्व वाली कंपनियों के उत्पाद ज्यादा नहीं बेच पायेंगे। विशेषज्ञों की मानें तो इन विक्रेताओं की बिक्री में लगभग 46 अरब डॉलर तक की कमी आना संभावित है।

    इससे उनकी बिक्री में नकारात्मक असर होगा एवं यदि इस समय में स्वदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफार्म लांच किया जाता है तो उसे देशवाशियों एवं सरकार दोनों का साथ मिलेगा।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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