देश में अमेज़न के साथ चल प्रतिस्पर्धा के चलते फ्लिपकार्ट को बड़ा घाटा उठाना पड़ा है। इसी वर्ष मार्च में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में फ्लिपकार्ट ने 3,200 करोड़ रुपये के नुकसान का आँकड़ा जारी किया है।
इसी के साथ फ्लिपकार्ट ने पिछले वित्तीय वर्ष के मुक़ाबले अपने घाटे को 70 प्रतिशत अधिक दर्शाया है। फ्लिपकार्ट की देश में दो मुख्य यूनिटें काम करती हैं। इनमें फ्लिपकार्ट इंडिया और फ्लिपकार्ट इंटरनेट शामिल हैं।
फ्लिपकार्ट इंडिया देश में ऑनलाइन रिटेलिंग का काम देखती है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक फ्लिपकार्ट इंडिया ने करीब 2000 करोड़ रुपये के नुकसान के आँकड़े पेश किए हैं। वहीं फ्लिपकार्ट इंटरनेट जो फ्लिपकार्ट के लिए ऑनलाइन मार्केटप्लेस का काम देखती है, इस यूनिट ने 1,100 करोड़ रुपये के नुकसान की घोषणा की है।
इसके पहले 2016-17 के वित्तीय वर्ष में फ्लिपकार्ट ने 244 करोड़ रुपये के घाटे की घोषणा की थी। जबकि वित्तीय वर्ष 2015-16 में फ्लिपकार्ट को 545 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
फ्लिपकार्ट द्वारा घोषित किए गए घाटे के आंकड़ों की मुख्य वजह फ्लिपकार्ट द्वारा अमेज़न के लिए अपनाई गयी आक्रामक प्रतिस्पर्धा की नीति है।
हालाँकि अब फ्लिपकार्ट की बड़ी हिस्सेदारी अमेरिकी कंपनी वालमार्ट ने खरीद ली है, बावजूद इसके विशेषज्ञों का मानना है कि अभी फ्लिपकार्ट के व्यापार में वर्ष 2020 तक घाटा बना रहेगा।
हालाँकि 2018 के वित्तीय वर्ष के दौरान फ्लिपकार्ट ने अपने राजस्व में 42 प्रतिशत की बढ़त दर्ज़ की है, इसी के साथ फ्लिपकार्ट ने बाज़ार में अपनी अपनी हिस्सेदारी को 36 प्रतिशत दर्शाया है।
मालूम हो कि अमेरिका की दिग्गज रिटेल कंपनी वालमार्ट ने फ्लिपकार्ट में बड़ी हिस्सेदारी को खरीदा है। इसी के साथ अब फ्लिपकार्ट भारत में अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी अमेज़न का सामना करने के लिए तैयार नज़र आने लगी है।
हाल ही में खत्म हुई त्योहारों की सेल में दोनों ही कंपनियों ने अच्छा व्यवसाय किया था। वालमार्ट के साथ जुड़ जाने के बाद फ्लिपकार्ट द्वारा सेल के दौरान ख़ासी आक्रामकता देखने को मिली थी।