विश्व की सबसे बड़ी ई कॉमर्स कंपनियों में शुमार अमेज़न ने मंगलवार को घोषणा की है कि अगले महीने यानी नवंबर से वह अपने अमेरिकी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन की दर को बढ़ा कर 15 डॉलर प्रति घंटे कर देगी।
अभी तक अमेज़न पर अपने कर्मचारियों के दैनिक वेतन को बढ़ाने के लिए काफी राजनीतिक दबाव पड़ रहा था। इसी के तहत आगे बढ़कर अब अमेज़न अपने कर्मचारियों को न्यूनतम 15 डॉलर प्रति घंटे के दर से वेतन देगी।
अमेज़न के इस फैसले का अमेरिका की ट्रंप सरकार ने स्वागत किया है। आगामी 1 नवंबर से लागू होने वाले कंपनी के इस फैसले से अमेज़न के करीब 2 लाख 50 हज़ार नियमित व करीब 1 लाख अस्थायी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
अमेज़न अपने नियमित कर्मचारियों के अलावा त्योहारों या ऐसे ही व्यस्त सीजन पर अस्थायी कर्मचारियों की भी नियुक्ति करता है।
अमेज़न के फाउंडर और सीईओ जेफ़ बेज़ोस ने कहा कि “लगातार अपने आलोचकों की आलोचना सुनने के बाद हमने काफी सोच कर ये फैसला लिया है। हमें बाज़ार का नेतृत्व करना है।”
इसी के साथ बेज़ोस ने कहा कि हम इसे एक बदलाव के रूप में देख रहे हैं और हम चाहते हैं कि हमारे प्रतिद्वंदी भी इसी कतार में खड़े हों।
अमेरिकी राष्ट्रपति भवन के पूर्व प्रेस सेकेटरी ने कहा कि “हमने ये तय कर लिया था कि हम न्यूनतम वेतन की वकालत करेंगे। इससे देश के लाखों परिवारों पर असर पड़ेगा। हम इस बढ़े हुए वेतन के पक्ष में हैं।”
इसी के साथ उन्होने यह भी कहा कि बेज़ोस बहुत तेज़ बिजनेसमैन है, उसके इस कदम से अमेज़न को ही फ़ायदा होगा। इससे अमेज़न की विश्वनीयता पुख्ता होगी जिससे उसे निवेश में फ़ायदा मिलेगा।
फिलहाल अमेरिका में अमेज़न के कर्मचारी इस फैसले को लेकर बेहद खुश हैं।