Mon. Nov 18th, 2024
    गुरुद्वारा में भोजन करते अमेरिकी

    अमेरिका के दो सिख समुदायों ने ट्रांसपोटेर्शन सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन के कर्मचारियों को भोजन और फंड दान करेंगे। अमेरिकी सरकार के आंशिक शटडाउन के कारण उन्हें वेतन नहीं मिली थी। मछुवारों का सिख समुदाय इंडिआना और सिख पीएसी के गुरिंदर सिंह खालसा की राष्ट्रीय राजनीतिक समिति ने एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मारिओ रोद्रिगुएज़ और टीएसए के फ़ेडरल सिक्योरिटी डायरेक्टर आरोन बट ने शटडाउन से प्रभावित टीएसए कर्मचारियों को सहयोग करने का निर्णय लिया था।

    गुरिंदर सिंह खालसा ने कहा कि “यह समुदाय आगे आया है क्योंकि सरकारी कामकाज ठप रहने से कर्मचारी काफी प्रभावित हुआ है और उन्हें अभी वेतन का भुगतान भी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि 28 जनवरी को इंडियापोलिस एयरपोर्ट पर टीएसए कर्मचारियों के लिए 5000 डॉलर के गिफ्ट कार्ड और 5000 के भोजन की डिलीवरी कर दी गयी है।

    सिख समुदाय के प्रयासों का नेतृत्व करने वाले खालसा एक स्थानीय ग्रोसरी स्टोर में कार्यरत हैं जो खाद्य पदार्थों को डिस्काउंट प्राइज में देती है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे स्थान की तलाश कर रहे हैं जो हमें कम दामों में भोजन मुहैया कर सके ताकि हम उन्हें प्रभावित कर्मचारियों के यहाँ पंहुचा सके।

    यह समुदाय अधिक सिख गुरुद्वारों और अन्य संगठनों को प्रभावित कर्मचारियों की मदद के लिए आगे आने को प्रित्साहित कर रहे हैं। टीएसए के अधिकारी ने सिख समुदाय के इस प्रयास को अपरिहार्य और अद्धभुत बताया है। उन्होंने कहा कि “हमारा सामुदायिक कित्चें हर रविवार को निरंतर भोजन को डेलिवर करेगा और जब तक शटडाउन का अंत नहीं हो जाता, हम अपने कर्मचारियों के लिए हर हफ्ते गर्म भोजन भेजते रहेंगे।”

    डिपार्टमेंट ऑफ़ होमलैंड सिक्योरिटी के तहत टीएसए का विभाग आता है और उनके 60 हज़ार कर्मचारी है। इनके कर्मचारियों को अनुमानित सभी के मुकाबले काफी कम वेतन मिलती है और 22 दिसम्बर से शटडाउन के कारण इनकी तन्खवाह भी रोक ली गयी है।

    ब्यूरो ऑफ़ लेबर स्टैटिक्स के अनुसार टीएसए में 22.9 प्रतिशत कर्मचारी अफ्रीकन अमेरिकी कर्मचारी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मेक्सिको पर दीवार के निर्माण के लिए 5.7 अरब डॉलर की रकम की मांग की थी। इसके कारण आठ लाख कर्मचारियों को शटडाउन के बाद तन्खवाह नहीं मिली हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *