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    डोनाल्ड ट्रम्प

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर मतभेदों के बाबत अपनी फ्रांस के समकक्षी इम्मानुएल मैक्रॉन से सोमवार को चर्चा की थी। व्हाइट हाउस ने सोमवार को यह बात कही थी। व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा कि “दोनों नेताओं ने जारी प्रयासों पर चर्चा की ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि तेहरान परमाणु हथियारों का उत्पादन नहीं कर रहा है और मध्य पूर्व में ईरान का अस्थिर व्यवहार खत्म हो सके।”

    ईरान ने सोमवार को कहा कि “साल 2015 में हुई परमाणु संधि में तय यूरेनियम संवर्धन का उल्लंघन करेंगे।” इस संधि से बीते वर्ष ट्रम्प प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया था। वांशिगटन ने तेहरान पर प्रतिबंधों को थोप दिया था और दोनों पक्षों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था।

    ईरान ने हाल ही में अमेरिका का निगरानी ड्रोन मार गिराया था और इसके बाद अमेरिका ने खाड़ी में टैंकरो पर हमले का आरोपी तेहरान को ठहरा दिया था। हालाँकि तेहरान ने इन आरोपों से इनकार किया है। ईरान इस महीने 300 किलोग्राम की यूरेनियम संवर्धन की सीमा को पार कर जायेगा।

    ईरान ने कहा कि “वह संधि का उल्लंघन नहीं कर रहा है। अगर लगा कि अन्य पक्ष संधि का सम्मान नहीं कर रहा है टो वह परमाणु संधि की आंशिक प्रतिबद्धताओं से पीछे हट सकते हैं।

    अमेरिका ने साल 2015 में ईरान और वैश्विक ताकतों के साथ हुई संधि को तोड़ दिया था और ईरान पर सभी प्रतिबंधों को लागू कर दिया था। अमेरिका का विशेष निशाना ईरान का तेल निर्यात और बैंकिंग प्रणाली थी।

    माइक पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा कि “ईरान का परमाणु कार्यक्रम में हालिया विस्तार उसे अलगाववाद और प्रतिबंधों की तरफ ले जायेगा। राष्ट्रों को ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संवर्धन पर रोक लगाने के लिए दीर्घकालिक मानक बहाल करने होंगे। ईरान का शासन विश्व के लिए एक बेहद खतरनाक चुनौती बन रहा है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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