पर्सियन गल्फ और खाड़ी में हालिया अमेरिका और ईरान के बीच तनावों से माहौल काफी बिगड़ गया है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई (Ayatollah Khamenei) ने कहा कि “अमेरिका द्वारा सर्वोच्च नेता और उनके कर्मचारियों पर प्रतिबंधों को थोपने से ईरानी सरकार अपने मत को न ही परिवर्तित करेगी और न ही डगमगाएगी।”
ईरान के शीर्ष वेबसाइट ने बुधवार को अयातुल्ला अली खमेनेई के हवाले से कहा कि “अमेरिका की सरकार में सबसे कपटी ट्रम्प प्रशासन है। किसी प्रशासन के ईरानी राष्ट्र पर आरोप मढ़ने और बेइज्जत करने के सबसे घृणित आंकड़े है। इस अपमान के कारण ईरान ना ही डगमायेगा और न ही वापस मुड़ेगा।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने सोमवार को ईरान के सर्वोच्च नेता और आठ अधिकारीयों पर प्रतिबन्ध लगा दिए थे कि वह अपनी विदेशों की सम्पत्तियों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। अमेरिकी अधिकारीयों ने यह भी कहा कि वह ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ के खिलाफ भी प्रतिबंधों को लागू करने पर विचार कर रहे है।
हाल ही में ईरान की सेना ने अमेरिका के निगरानी ड्रोन को मार गिराया था। इसकी कीमत 10 करोड़ डॉलर थी और इससे संकट मजीद बढ़ गया था। इराक के प्रधानमंत्री ने इन आरोपों को खारिज किया कि सऊदी अरब की पाइपलाइन पर हमले करने वाले ड्रोन्स ने इराक से उड़ान भरी थी।
इस हमले की जिम्मेदारी यमन में ईरानी समर्थित हौथी विद्रोहियों ने ली थी। खाड़ी में तेहरान और वांशिगटन के बीच तनाव के बढ़ने के कारण संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 14 मई को सऊदी अरब की तेल पाइपलाइन पर हमला हुआ था लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुई थी।
इराक में 5000 अमेरिकी सैनिक तैनात है और यह ईरानी समर्थित चरमपंथियों का घर भी है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि “अमेरिका के साथ ईरान कभी भी जंग नहीं चाहता था। ईरान को क्षेत्र में तनाव बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है और हम अमेरिका सहित किसी भी देश के साथ जंग नहीं चाहते हैं।”