अफगान सरकार ने एक अमेरिकी और एक ऑस्ट्रेलियाई प्रोफेसर की रिहाई के बदले में जेल में बंद हक्कानी नेटवर्क के तीन आतंकियों को रिहा कर दिया है। दोनों प्रोफेसरों का अगस्त 2016 में यहां आतंकवादी समूह द्वारा अपहरण कर लिया गया था। टोलो न्यूज की मंगलवार की रपट के मुताबिक, कैदियों की पहचान अनस हक्कानी, हाजी माली खान और हाफिज रशीद के रूप में की गई है।
काबुल के प्रेसिडेंशियल पैलेस ने कहा कि तीनों हक्कानी कैदियों को रिहा करने के आवश्यक कदमों की समीक्षा को लेकर अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन के साथ दो अलग-अलग फोन वार्ता के बाद मामले में यह प्रगति सामने आई है। वे इस बात पर सहमत हो गए कि अंतर-अफगान वार्ता शुरू करने के लिए युद्धविराम या हिंसा कम होना जरूरी है।
पैलेस ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने राष्ट्रपति गनी के फैसले के लिए अपना समर्थन दोहराया और किसी भी संभावित तालिबान हिंसा का जवाब देने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
उनकी रिहाई की घोषणा 12 नवंबर को गनी द्वारा की गई थी, लेकिन यह पुष्टि नहीं की गई थी कि वे वास्तव में रिहा हुए थे या नहीं।
अमेरिकी प्रोफेसर केविन किंग (63) और आस्ट्रेलियाई प्रोफेसर टिमोथी वीक्स (50) अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ अफगानिस्तान में काम करते थे।
अनस हक्कानी, हक्कानी नेटवर्क के दिवंगत पूर्व सरगना जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा है।
तालिबान से जुड़े आतंकवादी समूह के रूप में, हक्कानी नेटवर्क ज्यादातर अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांतों और राजधानी काबुल में संचालित होता है और सुरक्षा बलों पर कई हाई-प्रोफाइल हमलों के लिए जिम्मेदार है।
नेटवर्क को 2012 में अमेरिका द्वारा आतंकवादी समूह के रूप में नामित किया गया था।