Thu. Dec 19th, 2024
    ईरान का राष्ट्रीय ध्वज

    ईरान ने रविवार को कहा कि वह लेबनान के साथ अपने संबधों का विस्तार करेगा। अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने लेबनान को पक्ष के चयन करने के लिए कहा था। अमेरिकी राज्य सचिव ने कहा था कि लेबनान को अब चयन का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि, या तो बहादुरी से एक आजाद और गौरवशाली राष्ट्र की तरह आगे बढ़े या भविष्य में  मुल्क पर आधिपत्य करने वाले ईरान और हिज़बुल्लाह के मंसूबों को अनुमति दे।”

    ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम क़ासमी ने माइक पोम्पिओ के बयान को खारिज कर दिया था।

    रायटर्स के मुताबिक उन्होंने कहा कि “मध्य एशिया में अपनी नीतियों की असफलता के बाद अमेरिका घिसा पिटा और कलंकित हथियार, खतरे और धमकी का इस्तेमाल कर रहा है ताकि अपनी नीतियों को दूसरे देशों पर थोप सके। ईरान लेबनान की आज़ादी और सरकार व उसके राष्ट्र की मुक्त इच्छा का सम्मान करता है। ईरान उनकी क्षमताओं का इस्तेमाल लेबनान की आंतरिक एकजुटता को मज़बूत करने के लिए करेगा और साथ ही लेबनान के साथ संबंधों का करेगा।”

    हिज़बुल्लाह का स्थानीय और क्षेत्रीय इलाकों में काफी प्रभुत्व बढ़ा है। सरकार के 30 मंत्रालयों से तीन पर इसका नियंत्रण है। प्रधानमंत्री साद अल हरिरि को पश्चिमी देशो का सहयोग है। इसकी स्थापना साल 1982 में ईरान की रेवोलुशनारी गार्ड्स ने की थी। सीरिया की जंग में ईरान और हिज़बुल्लाह बेहद महत्वपूर्ण कारक है। राष्ट्रपति बशर अल असद का विरोध करने वाले चरमपंथी समूह से भिड़ंत करते हैं।”

    ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “लेबनान की हिज़बुल्लाह एक कानूनी और मशहूर सियासी दल है। कैसे पोम्पिओ लेबनान की यात्रा के दौरान हिज़बुल्लाह के बारे में ऐसे बेहूदा और तर्कहीन बयान दे सकते हैं।”

    बीते वर्ष मई में ईरान के साथ साल 2015 में हुई संधि को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तोड़ दिया था और तेहरान पर दोबारा आर्थिक प्रतिबन्ध थोप दिए थे।

    ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका के प्रतिबन्ध आर्थिक आतंकवाद की तरह है। उन्होंने कहा कि सम्मानीय राष्ट्र ईरान के खिलाफ अमेरिका के अन्याय और गैर कानूनी तेल और अन्य उत्पादों पर प्रतिबन्ध एक सीधा आर्थिक आतंकवाद है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *