भारतीय अमेरिकी अटॉर्नी ने मंगलवार को डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी पर एआरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर एक फर्जी यूनिवर्सिटी की स्थापना को अनुमति दी थी। इसके तहत विभाग ने लाखों मील दूर बैठे छात्रों को गुमराह किया था। बीते दिन अमेरिका में फर्जी यूनिवर्सिटी मामले में 129 भारतीय छात्रों को गिरफ्तार किया था। अमेरिकी हिरासत में सभी छात्रों द्वारा दूतावास में फोन कोय जा रहा है और मदद की मांग की जा रही है।
कैलिफोर्निया के इमीग्रेशन अटॉर्नी अनु पेशावरिया ने कहा कि इस गोपनीय अभियान के कारण भारत के सैकड़ो छात्रों को बुरे परिणाम झेलने पड़े है। उन्होंने कहा कि हम यह कतई नही कह रहे कि छात्रों का दोष नहीं है, उन्हें दाखिला लेने से पूर्व पूरी जांच पड़ताल करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि ” यदि वे इस अपराध में शामिल है तो उन्हें सजा जरूर मिलनी चाहिए लेकिन अगर उन्हें इसमे फंसाया गया है या अपराध करने के लिए उकसाया गया है तो हमे तत्काल उनकी मदद करनी चाहिए।”
बीते हफ्ते अमेरिस इमीग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक फर्जी यूनिवर्सिटी फार्मिंगटन से 600 में से 130 छात्रों को गिरफ्तार किया गया था जिसमे 129 छात्र भारतीय थे। इनमे से कई छात्रों को या रिहा कर दिया गया है या कड़ी निगरानी में रखा गया है। कई छात्रों ने तो देश छोड़ दिया है।
अमेरिकी अटॉर्नी के मुताबिक छात्रों को लगता है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उनकी कई वर्ष की पढ़ाई का कोई वजूद नही रहेगा। उन्होंने कहा कि इन छात्रों को जिंदगीभर ब्लैकमेल भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हैरतअंगेज बात तो यह है कि यह फर्जी यूनिवर्सिटी एजुकेशन बोर्ड के साथ पंजीकृत है एयर इसके पास विदेशी छात्रों को सर्टिफिकेट देने का अधिकार भी है।
हाल ही में अमेरिकी राज्य विभाग ने कहा कि भारतीय छात्रों को मालूम था कि वे अमेरिका में अवैध तरीके से रहने के लिए एक अपराध को अंजाम दे रहे हैं। अमेरिका के राज्य विभाग ने सोमवार को कहा कि सभी छात्रों को भान था कि फ्लेमिंगम यूनिवर्सिटी फर्जी है और उसे मान्यता नही दी गयी है और उन्हें यह भी पता था कि अमेरिका में रहने के लिए वह अपराध का रास्ता चुन रहे हैं। हर वर्ष अमेरिका में लाखों छात्र नामी यूनिवर्सिटी और संस्थान में दाखिला लेते हैं और बीते वर्ष 196000 छात्रों ने दाखिल लिया था।