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    हसन रूहानीIranian President Hassan Rouhani speaks with media in a joint press conference with his Austrian counterpart Heinz Fischer after their meeting at the Saadabad Palace in Tehran, Iran, Tuesday, Sept. 8, 2015. Iran's president said on Tuesday that his country is ready to hold talks with the United States and Saudi Arabia on ways to resolve Syria's civil war, providing such negotiations can secure peace and democracy in conflict-torn Syria. (AP Photo/Ebrahim Noroozi)

    ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मंगलवार को अमेरिका के साथ किसी भी द्विपक्षीय वार्ता से इनकार कर दिया है। साथ ही साल 2015 की परमाणु संधि से ईरान वादों को तोड़ने की धमकी भी दी है। ईरान के सिद्धांत इस तरीके की द्विपक्षीय वार्ता का विरोध करता है।

    न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, संसद को संबोधित करते हुए रूहानी ने कहा कि “अमेरिका के साथ किसी भी तरीके की द्विपक्षीय वार्ता वैश्विक ताकतों के समूह की ढाँचे में फिट बैथनी चाहिए।”

    हसन रूहानी ने कहा कि “अगर मौजूदा वार्ता में बृहस्पतिवार तक कोई परिणाम नहीं आता है तो ईरान 2015 के ऐतिहासिक परमाणु समझौते की प्रतिबद्धताओं में और कमी लाने के लिए आगामी दिनों में तैयार है। शायद कोई  ग़लतफहमी हुई हो लेकिन हमने कई बार कहा है और फिर से दोहराते हैं कि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ता का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।”

    राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि “हम अमेरिका के साथ कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं चाहते हैं। अगर अमेरिका सभी प्रतिबंधो को हटा देता है तो उनसे वार्ता संभव है। हमें इस बाबत कई प्रस्ताव दिए गए हैं और हमारा जवाब हमेशा नकारात्मक रहा है।”

    ईरानी राष्ट्रपति ने मंगलवार को कहा कि “यदि गुरुवार तक इसका कोई परिणाम नहीं आया तो हम अपनी प्रतिबद्धता को कम करने के तीसरे कदम का ऐलान करेंगे। ईयू द्वारा उनकी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करने पर रूहानी ने खेद व्यक्त किया है। तीसरे कदम के बाद भी हम वार्ता प्रक्रिया को जारी रख सकते है।”

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल वाशिंगटन को समझौते से बाहर कर दिया था और तेहरान पर एक बार फिर से प्रतिबंध लगा दिए थे।

    इसके जवाब में ईरान ने अपने जीसीपीओए दायित्वों को कम करने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया और इसी कड़ी में कहा कि यदि यूरोपिय देश परमाणु समझौते के अंतर्गत ईरान के हितों को सुरक्षित करने वाले अपने वादों को नहीं निभाएंगे, तो ईरान इसी तरह समझौते से हटकर कदम उठाएगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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