ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को कहा कि “ईरान सिर्फ बातचीत के लिए तैयार है लेकिन समर्पण को तैयार नहीं है।” रूहानी अमेरिका के साथ संभावित वार्ता की तरफ इशारा कर रहे थे। डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष साल 2015 की परमाणु संधि अमेरिका को हटा लिया था।
अमेरिका के साथ वार्ता के लिए तैयार
उन्होंने कहा कि “वह इस्लामिक रिपब्लिक के साथ बातचीत करने के लिए इच्छुक है।” अधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, रूहानी ने कहा कि “जितने लम्बे समय तक मुझ पर देश के दायित्व की जिम्मेदारी होगी, हम इसके लिए पूरी तरह तैयार है, समस्याओं के संधान के लिए वैध और इमानदार वार्ता के लिए तैयार है।”
उन्होंने कहा कि “हम वार्ता के नाम पर समर्पण की टेबल पर बैठने के लिए तैयार नहीं है।” अमेरिका की सेना ने कहा कि “नौसेना के जहाज ने ईरानी ड्रोन को होर्मुज़ के जलमार्ग पर मार गिराया है। लेकिन ईरान ने कहा कि उन्हें ड्रोन के खोने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।”
अमेरिका के सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अर्ल ब्राउन ने कहा कि “अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग पर दो ईरानी जहाजो के आक्रमक परस्पर प्रक्रिया के प्रतिकार में यह यूएसएस बॉक्सर की तरफ से एक रक्षात्मक कार्रवाई है।” खाड़ी में तनाव काफी बढ़ चुके हैं। अमेरिका और ईरान के बीच जंग के होने का काफी भय है।
अमेरिका ने ईरान पर मध्य मई में होर्मुज़ के जलमार्ग पर सिलसिलेवार हमले का आरोप लगाया था। हालाँकि तेहरान ने इन आरोपों को नकार दिया है। ईरान ने जून में अमेरिका के निगरानी ड्रोन को खाड़ी में मार गिराया था लेकिन वांशिगटन ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय हवाई मार्ग पर था।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि इस समय अमेरिका एक सैन्य हमले को अंजाम देने के काफी करीब था। ईरान ने इसके प्रतिकार में अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया था। ईरान और उसके सहयोगियों द्वारा निगरानी और हमले मध्य पूर्व में ड्रोन के इस्तेमाल में वृद्धि हुई है।