Sun. Nov 17th, 2024
    सऊदी अरब

    सऊदी अरब के उप रक्षा मंत्री ने बुधवार को कहा कि “उन्होंने अमेरिका के आला स्तर के सरकारी अधिकारियो के साथ सैन्य सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा की थी।” सऊदी की तेल कंपनियों पर सितम्बर में ड्रोन हमले के बाद ईरान के साथ तनाव काफी बढ़ गया है।

    इस हमले की जिम्मेदारी हौथी विद्रोहियों ने ली थी। अलबत्ता रियाद और अमेरिका ने इसका कसूरवार तेहरान को ठहराया है हालाँकि तेहरान ने इससे इनकार किया है। ट्वीट में सऊदी अरब के उप रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने कहा कि “उन्होंने अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो और रक्षा सचिव मार्क एस्पर के साथ बैठक की थी।”

    पोम्पियो के साथ वार्ता के सन्दर्भ में खालिद ने कहा कि “दोनों अमेरिका और रियाद क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक दूजे के साथ खड़े हैं। एस्पर ने द्विपक्षीय सुरक्षा के जोखिमो पर चर्चा की और आतंकवाद के खात्मे में मजबूत सैन्य सहयोग को दोहराया है और शान्ति व स्थिरता की रक्षा करने की प्रतिबद्धता दी है।”

    21 सितम्बर को यमन के हौथी विद्रोहियों के एक अधिकारी ने ऐलान किया था कि वह अपनी बैलिस्टिक मिसाइल या सैन्य ड्रोन से सऊदी अरब को निशाना बनायेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यमन में नागरिक युद्ध में विस्तार किसी भी पक्ष के लिए  लाभदायक नहीं होगा।

    यह ऐलान हौथियो के शीर्ष राजनीतिक परिषद् के प्रमुख अल मशत ने की थी जो यमन में विद्रहियो के नियंत्रित इलाके का इन चार्ज हैं। उन्होंने कहा कि “हमने सऊदी अरब की सरजमीं पर सैन्य ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइल और अन्य तरीको के हथियारों से निशाना बनाने की योजना बनायीं है और हम उनकी तरफ से परस्पर जवाब का इंतजार करेंगे।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *