अमेरिका और चीन के बीच पिछले कई समय से व्यापार को लेकर तनातनी देखने को मिल रही है। अमेरिका ने चीनी उप्तादों के आयत पर 200 अरब डॉलर के सामान पर 10 फीसदी का शुल्क लगाकर इस युद्ध को गति प्रदान कर दी है।
अमेरिका ने चीन से आयातित वस्तुओं पर एक साथ अब तक का सबसे अधिक टैरिफ लगाया है। ट्रम्प प्रशासन ने चीन पर दबाव बनाने कर उदेश्य से यह कदम उठाया है। वांशिगटन के इस फैसले के बाद व्यापारिक गतिरोध ओर बढ़ जायेगा।
ट्रम्प कंपनी ने इससे पूर्व 50 अरब डॉलर के चीनी उत्पादों पर शुल्क लगाया था। वहीँ जवाबी कार्यवाही करते हुए चीन ने 60 अरब डॉलर के अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाया था।
ज्ञात हो इससे पहले अमेरिका ने चीन को 25 फीसदी शुल्क लगाने की चेतावनी दी थी लेकिन अभी 10 फीसदी ही लगाया है। अमेरिका ने चीनी लकड़ी से बने फर्नीचर पर भी शुल्क लगाया है।
यह टैरिफ 24 सितम्बर से प्रभावी रूप से लागू होंगे। 24 अगस्त को दोनों देशों के नेताओं के बीच वार्ता हुई थी लेकिन इस बैठक का कोई परिणाम नहीं निकला।
अमेरिका ने पहले ही चीन के आयातित उत्पादों पर कर लगाने की धमकी दी थी। अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा था कि अगर चीन अनैतिक तरीके से व्यापार करने से बाज नहीं आएगा तो मजबूरन अमेरिका को सख्त कदम उठाने होंगे।
इसके जवाब ने चीनी विदेश मंत्री ने कहा था यदि अमेरिका कार्रवाई करता है तो हम निश्चित ही चुप नहीं बैठेंगे हालांकि इस सब सब से कुछ भी हासिल नहीं होगा।
इस व्यापर युद्ध का असर अमेरिकन और चीनी बाज़ार पर तो पड़ेगा ही साथ ही अन्य देश भी इसकी चपेट में आयेंगे।