भारत इन दिनों कोरोना महामारी के सबसे भयानक दौर से गुज़र रहा है. रोजाना आने वाले रिकॉर्ड मामले, बड़ी संख्या में मौतें और अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट लोगों का दिल दहला रहा है। इस संकट पर दुनिया भर की नज़र है और दुनिया के कई देश भारत की मदद के लिए आगे आए हैं। फिर चाहे सिंगापुर का भारत को मेडिकल ऑक्सीजन भेजना हो या सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों का मदद के लिए आगे आना हो।
पहले तो अमेरिका ने वैक्सीन और दवाओं से जुड़े कच्चे माल के आयात पर लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया था और व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा था कि, “अमेरिका फ़र्स्ट यानी अमेरिका पहले अपने नागरिकों की ज़रूरतें पूरी करेगा।”
लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भारत को कोविड की दूसरी लहर के बीच मदद का आश्वासन दिया है। अमेरिका के शीर्ष नेतृत्व ने ट्वीट कर कहा कि वह कोरोनोवायरस संकट से निपटने में मददगार स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़ी आपूर्ति करेगा। बाइडन ने एक ट्वीट में कहा, “जिस तरह से भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका को जरूरत के वक्त मदद की उसी तरह हम जरूरत के वक्त भारत की मदद करने के लिए दृढ़ हैं।”
अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अमेरिका के एनएसए के ट्वीट पर प्रतिक्रिया में कहा गया- “महामारी के शुरुआती दौर में जिस तरह से हमारे अस्पतालों पर दबाव के वक्त भारत ने मदद की। उसी तरह से जरूरत के वक्त में हम भारत की मदद के लिए संकल्पित हैं।”
इसके साथ ही अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी इस संदर्भ में ट्वीट किया। हैरिस ने लिखा, “मदद करने के साथ ही हम भारत के नागरिकों और साहसी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी प्रार्थना करते हैं।” भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद शीर्ष अमेरिकी नेतृत्व की ओर से यह पहली प्रतिक्रिया है। उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन ने कहा कि वह इस मुद्दे पर हाल के दिनों में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू के संपर्क में हैं।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और भारतीय एनएसए अजीत डोभाल के बीच में हुई इस बातचीत में अमेरिका ने कोविशील्ड वैक्सीन के लिए जरूरी कच्चा माल देने पर सहमति जताई है। अमेरिका ने कोरोना वैक्सीन के उत्पादन में काम आने वाले प्रमुख कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके पक्ष में तर्क देते हुए कहा था कि उसका पहला दायित्व अमेरिकी लोगों की जरूरतों को देखना है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से अनुरोध किया था कि अमेरिका वैक्सीन के कच्चे माल पर लागू व्यापारिक प्रतिबंधों को हटाए। अदार पूनावाला ने एक ट्वीट करते हुए कहा था आदरणीय राष्ट्रपति, अगर हम अमेरिका के बाहर वैक्सीन इंडस्ट्री की ओर से इस वायरस के खात्मे के लिए वास्तव में एकजुट हैं, तो मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अमेरिका बाहर कच्चे माल के निर्यात का प्रतिबंध हटाने का अनुरोध करता हूं। इससे वैक्सीन का उत्पादन बढ़ सकता है। आपके प्रशासन के पास डिटेल्स हैं।