अमेरिका ने रूस के साथ शीत युद्ध के दौरान हुई आईएनएफ संधि को आधिकारिक रूप से तोड़ने की तैयारी कर रहा है और इससे एक नई परमाणु दौड़ शुरू हो गयी थी। इंटरमीडिएट न्यूक्लियर फोर्स संधि को सोवियत संघ के नेता मिखाइल गोर्बाचेव और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के बीच 1987 में की गई थी।
इसके तहत 500 से 5000 किलोमीटर के बीच की सीमा की परमाणु मिसाइलों पर रोक लगा दी गयी थी। पिछले साल अक्टूबर से अमेरिका और रूस के संबंध काफी तल्ख़पूर्ण हो गए हैं। इससे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मॉस्को पर आईएमएफ संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था और मॉस्को के साथ समझौते से पीछे हटने की धमकी दी थी।
2018 दिसंबर में माइक पोम्पियो ने कहा है कि “वाशिंगटन आगामी 60 दिनों के भीतर समझौते को तोड़ देगा, जब तक कि मास्को समझौते के पूर्ण अनुपालन करना शुरू नहीं कर देगा।” फरवरी की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 60 दिनों तक रूस के समझौते का पालन करने में असमर्थ होने के बाद आईएनएस संधि के प्रति अपने दायित्वों को रद्द कर दिया है।
इस संधि का उद्देश्य अमेरिका और यूएसएसआर के बीच परमाणु हथियारों की दौड़ पर अंकुश लगाना था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 20 फरवरी को घोषणा की थी कि अगर अमेरिका यूरोप में किसी भी माध्यम रेंज श्रेणी की मिसाइलों को तैनात करता है तो रूस हथियारों के साथ जवाबी कार्रवाई करेगा।
पेंटागन ने कहा है कि “मार्च में अमेरिका ने रूस के साथ संधि को खत्म करने के फैसले के बाद वांशिगटन ने नई मिसाइलों को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और वे मिसाइलें गैर-परमाणु होने के साथ-साथ संधि के तहत भी हैं।”
रुसी राष्ट्रपति ने कहा कि “हमारे अमेरिकी सहयोगियों ने इस संध को अब खत्म करने का ऐलान किया था और अब हम भी इससे बाहर निकल रहे हैं।”