राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कहा कि “वह अमेरिका और रूस के बीच पारस्परिक लाभ के मसलों के समाधान के लिए अमेरिका और रूस के बीच कूटनीतिक सम्बन्धो को सुधारने और दोबारा निर्मित करने का इरादा रखते हैं।” व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ से मुलाकात की थी।
अमेरिका-रूस सम्बन्धो का पुनर्निर्माण
रुसी राष्ट्रपति ने कहा कि “हम पूर्ण विकसित संबंधों का पुनर्निर्माण करने की इच्छा रखते हैं। मुझे उम्मीद है अभी इसके लिए एक अनुकूल वातावरण निर्मित किया जा रहा है।” अमेरिका ने हाल ही में शीत युद्ध के दौरान हुई इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी से बाहर निकलने के इरादे का ऐलान किया था
अमेरिका ने दावा किया कि रूस ने इस संधि का उल्लंघन किया है। वांशिगटन इस वर्ष अगस्त में इस संधि को तोड़ देगा और उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रूस इस पर पूर्ण और निरीक्षित तरीके से वापसी नहीं करता तो इस संधि को खत्म कर दिया जायेगा।
पोम्पिओ के साथ बैठक के दौरान पुतिन ने अपने अमेरिकी समकक्षी डोनाल्ड ट्रम्प से फ़ोन पर हुई बातचीत को सार्वजनिक किया था। अमेरिका भी इन संबंधों को वापस बहाल करना चाहता है। उन्होंने कहा कि “जैसा कि आप जाने है कुछ दिनों पूर्व मुझे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से फ़ोन पर बातचीत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। मैंने जाहिर किया था कि मैं संबंधों का पुनर्निर्माण करने की इच्छा रखता हूँ।”
अमेरिका के साथ सम्बन्ध
रुसी राष्ट्रपति ने कहा कि “विशेष राजदूत रोबर्ट मुएलर का कार्य बेहद अनोखा है। मैं कहना चाहूंगा कि उनकी जांच बहुत निष्पक्ष थी और उन्होंने पुष्टि की कि रूस और शासित प्रशासन के बीच मेलजोल के कोई सबूत नहीं है। हमने इसे बिलकुल फर्जी करार दिया था।”
उन्होंने कहा कि “हम जानते हैं कि अमेरिका के प्रमुख तेल उत्पादक है। वैश्विक ऊर्जा बाज़ार में स्थिरता से सम्बंधित रूस को कुछ चर्चा करनी है। आर्थिक सुरक्षा में हमारे सहयोग के यहां कई पहलु मौजूद हैं।”
माइक पोम्पिओ ने कहा कि “दोनों पक्षों ने एक फलदायी वार्ता की है। ऐसे कई मौके थे जब हम असहमत थे। ऐसे कई वाकये हैं जो हितों को नजरअंदाज कर रहे हैं और हमें इस पार कार्य करना है, विशेष डोनाल्ड ट्रम्प इसे करने का इरादा रखते हैं। जैसा आप करते हैं हम भी अपने राष्ट्रीय हितो का हमेशा संरक्षण करेंगे। लेकिन ऐसी कई पहलु है जहां हमारे देश सहयोग कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि “हम फलदायी हो सकते हैं, संचयी हो सकते हैं, हम एक-दुसरे की आवाम को अधिक सफल बनाने के लिए एकजुट होकर कार्य कर सकते हैं और सबसे अहम विश्व को ज्यादा सफल बना सकते हैं।” अमेरिका के वरिष्ठ कूटनीतिज्ञ के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच बेहतरीन चर्चा हुई थी। इसमें उत्तर कोरिया, अफगानिस्तान और आतंक विरोधी कदम भी शामिल थे।