Fri. Nov 15th, 2024
    ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी

    ईरान के साथ हुई परमाणु संधि खत्म होने के बाद से अमेरिका और ईरान के मध्य विवादों की एक मजबूत दीवार खड़ी हो गयी है। अमेरिका ने ईरान पर रासायनिक हथियार कार्यक्रम को जारी रखने के आरोप लगाये थे, इसका पलटवार करते हुए ईरान ने इन आरोपों को खारिज किया और आरोप लगाया कि अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय निगरानी समिति से किये अपने वादों के उलट कर रहा है।

    ईरान के विदेश मंत्रालय के अनुसार अमेरिका अपनी आदत के मुताबिक तेहरान पर बेबुनियादी आरोप लगा रहा है, जिसे हम सिरे से खारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि इन झूठे और गलत आरोपों से ईरान के लिए दुश्मनी की बू आ रही है और अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है।

    अमेरिका ने ईरान पर गुरूवार को अंतर्राष्ट्रीय संघठन के समक्ष रासायनिक हथियार कार्यक्रम शुरू करने का आरोप लगाया था और कहा कि ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन किया है. अमेरिकी राजदूत केनेथ वार्ड ने आर्गेनाईजेशन फॉर दी प्रोहिबीशन ऑफ़ केमिकल वेपन में कहा कि ईरान अपने आक्रामक मंसूबे पूरे करने के लिए घातक नर्व एजेंट भी एकत्र कर रहा है।

    अमेरिकी आरोपों का जवाब देते हुए ईरान के प्रतिनिधि ने कहा कि वह ओपीसीडब्लू को सारी जानकारी मुहैया कर देगे। उन्होंने अमेरिका पर पलटवार करते हुए कहा कि अमेरिका एकमात्र ऐसा देश है जिसके समक्ष रासायनिक हथियार मौजूद है और उसने अभी तक इन्हें ध्वस्त करने की प्रक्रिया पर अमल करने का कार्य नहीं किया है।

    प्रथम विश्व युद्ध साल 1918 में ईरान पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। साल 1980-88 में ईराक के सद्दाम हुसैन ने ईरान पर रासायनिक हथियार का इस्तेमाल किया था, इस हमले में ईरान के हजारों की संख्या में नागरिक और सैनिक मारे गए थे। ईरान किसी देश द्वारा रासायनिक हथियार की इस्तेमाल का सख्त विरोध करता है।

    बीते मई में डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ साल 2015 में हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था और वापस ईरान पर सभी प्रतिबन्ध थोप दिए थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *