अफगानिस्तान की शान्ति प्रक्रिया के अमेरिकी विशेष प्रतिनिधि जलमय ख़लीलज़ाद रविवार को दो सप्ताह के शान्ति अभियान पर इस्लामाबाद पहुंचे थे। इस दौरान वह संयुक्त अरब अमीरात, क़तर, जर्मनी, बेल्जियम, अफगानिस्तान की यात्रा करेंगे ताकि 18 वर्षों के युद्ध को समाप्त किया जा सके।
ख़लीलज़ाद की पाक यात्रा
डॉन न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, ख़लीलज़ाद के नेतृत्व में अमेरिकी नेताओं का एक समूह भी पाकिस्तान अधिकारीयों के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए गया है। इस सम्मेलन में विदेश विभाग के अतिरिक्त सचिव आफताब अख्तर और विदेश व रक्षा मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी पाकिस्तानी पक्ष की अध्यक्षता करेंगे।
पाकिस्तानी विदेश विभाग के मुताबिक, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग और संबंधों पर चर्चा की थी, इसमें हालात और क्षेत्रीय कानून, अफगान शांति प्रक्रिया और संयुक्त हितो के अन्य मामले भी शमिल है।
पाकिस्तानी विदेश विभाग ने जारी बयान में कहा कि “प्रधानमंत्री इमरान खान के दृष्टिकोण से इस्लामाबाद अफगान शांति अभियान में अपना महत्वपूर्ण किरदार निभाना जारी रखेगा। ताकि क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति कायम रहे।” तालिबान और पाकिस्तान के करीबी सम्बन्धो को माना जाता है।
अफगान शांति में पाक की भूमिका
जलमय ख़लीलज़ाद ने अफगान शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान के प्रयासों की सराहना की है और पाकिस्तान से अफगानिस्तान के आगामी चुनावो और तालिबानी अधिकारीयों के साथ शान्ति वार्ता के प्रति भी बराबर गंभीरता व्यक्त करने का आग्रह किया है।
अफगानिस्तान में चुनावो को दूसरी दफा स्थगित कर दिया गया था जो शुरुआत में 20 अप्रैल को होने थे लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था। 28 सितम्बर से चुनावो को टाला जा रहा है और इसका कारण तालिबान के साथ चर्चा के लिए समय है।
अफगान सरकार के साथ तालिबान सीधे बातचीत के लिए इंकार करता है क्योंकि उन्हें अफगानी सरकार अमेरिका के हाथो की कठपुतली लगती है। अप्रैल में अंतर अफगान वार्ता का दोहा में आयोजन होना था लेकिन बैठक में शामिल अफगानी अधिकारीयों की सूची पर तालिबान ने आपत्ति दर्ज की थी।