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    अमेरिका और यूक्रेनAn Israli soldier walks nearby two patriot missile batteries, deployed on a field close to Atlit, on the outskirts of Haifa, on October 22, 2012. Israeli and US troops hold a vast missile defence exercise called Austere Challenge 12, in what was hailed as their largest-ever joint military operation. AFP PHOTO/JACK GUEZ (Photo credit should read JACK GUEZ/AFP/Getty Images)

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ अभियोग जांच की जाने के बावजूद अमेरिका सरकार ने यूक्रेन को देश के अलगाववादियों से लड़ने में मदद के लिए सैन्य उपकरण बेचने की मंज़ूरी दे दी है। यूक्रेन डोंबस इलाके में गृह युद्ध की स्थिति से जूझ रहा है क्योंकि साल 2014 से रूस अलगाववादियों का समर्थन कर रहा है।

    एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के नेतृत्व से मंज़ूरी के बाद कांग्रेस को इस समझौते के बाबत सूचित कर दिया गया है। यूक्रेन के अलगाववादियों के साथ जंग में अमेरिका देश के शीर्ष नेतृत्व का सहयोग कर रहा है और यूक्रेन के नियंत्रण दूर इस इलाके पर वापस नियंत्रण करने की कोशिश कर रहा है।

    अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रम्प की यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोद्य्म्यर ज़ेलेंस्क्य के साथ फ़ोन पर बातचीत ने आलोचनात्मक माहौल को तैयार कर दिया था। डोनाल्ड ट्रम्प कॉल पर यूक्रेन के राष्ट्रपति पर पूर्व उप राष्ट्रपति जो बिडेन के बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए दबाव बना रहे थे। प्रशासन ने इस वर्ष के शुरुआत में यूक्रेन की 400 अमेरिकी डॉलर की मदद को रोक दिया था।

    न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, हथियारों को बेचने की मंज़ूरी सहायता पैकेज का भाग नहीं है। यह समझौता 3.92 करोड़ डॉलर का है जिसमे दस जेवेलिन मिसाइल लांचर और अन्य सम्बंधित उपकरण शामिल है। अमेरिकी वायु सेना के जनरल टॉड वाल्टर ने कहा कि “अमेरिका को यूक्रेन में अधिक मिसाइल भेजनी चाहिए टाक देश अलगाववादियों से पानी रक्षा कर सके।”

    डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को कहा कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ बिडेन के बारे में चर्चा कर चुके हैं, लेकिन कुछ गलत करने से इनकार किया है।

    मोस्को ने पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादियों का समर्थन किया है और इस संघर्ष में 13000 लोगो की मौत हो गयी थी। साल 2015 में बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में एक संघर्ष विराम समझौते पर दस्तखत किये गए थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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