भारत ने जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर, लश्कर ए तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और दो अन्य व्यक्तियों को आतंकवादियों की सूची में शामिल कर दिया है और इसका अमेरिका ने समर्थन किया है। वांशिगटन ने कहा कि “नाते आतंकरोधी कानून से दो देशो के बीच आतंकवाद से लड़ने की संभावनाओं में विस्तार होता है।
अमेरिकी ब्यूरो ने ट्वीट कर बताया कि “हम इस मामले में भारत के साथ खड़े हैं। ये कानून आतंक के खिलाफ लड़ाई में दोनों मुल्कों के लिए सहायक सिद्ध होगा। हम भारत के नए कानूनी अधिकारों के उपयोग के लिए उसकी सराहना करते हैं, जिसके तहत उसने चार कुख्यात आतंकियों मौलाना मसूद, हाफिज सईद, जकी उर रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम को आतंकी घोषित किया है।”
We stand w/ #India & commend it for utilizing new legal authorities to designate 4 notorious terrorists: Maulana Masood Azhar, Hafiz Saeed, Zaki-ur-Rehman Lakhvi & Dawood Ibrahim. This new law expands possibilities for joint #USIndia efforts to combat scourge of terrorism. AGW
— State_SCA (@State_SCA) September 4, 2019
अंडरवर्ल्ड के डॉन दावूद इब्राहीम और लश्कर ए तैयबा के प्रमुख जाकिर उर रहमान लाखवी वे दो व्यक्ति है जिन्हें नए कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है। यह कानून संसद में बीते महीने पारित हुआ था और यह राज्य और केंद्र को व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित करने और संपत्ति को जब्त करने की अनुमति देता है।
दाऊद इब्राहिम को 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों का मास्टरमाइंड माना जाता है। दाऊद पाकिस्तान में छिपा बैठा है, लेकिन पाक इस बात से हमेशा इनकार ही करता रहा है। यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल के अनुसार, इसके पास कई पाकिस्तानी पासपोर्ट हैं। वह पाकिस्तान के कराची में नूराबाद हिल्स के आलीशान बंगले में आला स्तर की सुरक्षा व्यवस्था के साथ रहता है।
जैश के आतंकवादियों ने साल 2001 में संसद की ईमारत और जम्मू कश्मीर राज्य की विधानसभा पर हमला करवाया था। इसमें नौ लोगो की मौत हो गयी थी और आठ लोग बुरी तरह घायल थे। जेईएम ने साल 2016 में पठानकोट आतंकी हमला और इस वर्ष पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम दिया था।