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    भारतीय और अमेरिकी ध्वज

    अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि गुरूवार को नई दिल्ली पंहुचेंगे और अपने भारतीय समकक्षों से अतिरिक्त शुल्क के बारे में बातचीत करेंगे। भारत के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि के सचिव क्रिस्टोफर विल्सन अमेरिकी समूह की अध्यक्षता करेंगे। इस प्रतिनिधि समूह में उपसचिव ब्रेंडन लिंच भी शामिल होंगे।

    यूएसटीआर के प्रवक्ता ने कहा कि “भारत में चुनावो का दौरा अब गुजर चुका है। यूएसटीआर के अधिकारी भारतीय सरकारी समकक्षो के साथ संबंधों का निर्माण करने के लिए भारत की यात्रा करेंगे। इसमें शुरूआती मुलाकात भारत के लिए यूएसटीआर के नए सचिव के साथ होगी।”

    हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर अमेरिकी उत्पादों पर अत्यधिक आयात शुल्क लागू करने का आरोप लगाया था। ट्रम्प ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि “भारत ने एक लम्बे अरसे से अमेरिकी उत्पादों पर अत्यधिक अतिरिक शुल्क को थोप रखा है। इस ज्यादा समय तक बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।”

    कारोबारी मामलो पर यह दोनों पक्षों के बीच पहली मुलाकात होगी। बीते महीने डोनाल्ड ट्रम्प और नरेंद्र मोदी ने जापान के ओसाका में आयोजित जी-20 सम्मेलन के इतर मुलाकात की थी।

    दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता थोप्द धीमी पड़ गयी थी जब अमेरिका ने भारत से व्यापार तरजीह देश का दर्जा छीन लिया था। जीएसपी को साल 1974 में लागू किया गया था और यह अमेरिका की सबसे बड़ी और पुरानी करिबार तरजीह स्कीम हैं और यह लाभार्थी देशों के हजारो उत्पादों को बगैर किसी शुल्क के देश में आयात की अनुमति प्रदान करती है।

    इसके प्रतिकार में भारत ने भी 25 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क को बढ़ा दिया था। हाल ही में अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने भारत की यात्रा की थी और उन्होंने एस जयशंकर के साथ व्यापार मामले पर भी बातचीत की थी।

    बीते वर्ष अमेरिका ने स्टील और एल्मुनियम पर आयात शुल्क को बढ़ा दिया था जिसके प्रतिकार में भारत ने अतिरिक्त शुल्क का ऐलान किया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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