पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने बयान दिया कि अमेरिका को इस्लामाबाद के साथ अपने रिश्तों को भारतीय नज़रिये से नही देखना चाहिए। साथ ही अफगान विवाद में पाकिस्तान की भूमिका का आंकलन नहीं करना चाहिए।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि यह कहना गलतफहमी होगी कि इस्लामाबाद और वांशिगटन के मध्य एक दिन संबंधों में सुधार हो जाएगा और सारी समस्याएं सुलझ जाएंगी। उन्होंने कहा क्षेत्रीय हालात बदलते हैं साथ ही जरूरते भी बदलती है लेकिन पाकिस्तान का क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में योगदान से अमरीका को वाकिफ होना चाहिए।
शाह मेहमूद कुरेशी ने कहा कि पाकिस्तान औऱ अमेरिका के रिश्तों को सात दशक पूर्व हुए अफगान युद्ध से देखने का कोई औचित्य नहीं बनता और न ही भारतीय चश्मे से हमारे रिश्तों का आंकलन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अमेरीकी समकक्षियों को इसी बात का एहसास दिलाने की कोशिश की थी।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने पिछले सप्ताह अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पेओ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन से मुलाकात की थी। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि विदेश विभाग अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की कोशिशों से अवगत कराता रहेगा।
भारत और पाकिस्तान के मध्य आतंकवाद, सीमा विवाद औऱ कश्मीर जैसे कई मसलों पर तनातनी चल रही है। इसी कारण भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की यूएन में मीटिंग को भी रद्द कर दिया गया था। भारत पाकिस्तान पर आंतकवाद को पनाह और बढ़ावा देने का आरोप लगाता है तो वही पाकिस्तान भारत पर कश्मीर में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का दोष लगाता है।