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अमेरिकी राष्ट्रपति

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारत को सख्त लफ्जों में चेतावनी दी है कि अगर रूस से एस-400 मिसाइल सुरक्षा प्रणाली खरीदता है तो नई दिल्ली पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

ऐसा करके का मतलब भारत का अमेरिकी एडवायजरी थ्रू सेंक्शन एक्ट (सीएएटीएसए) को चुनौती देना होगा। अमेरिका की यह चेतावनी चीनी मिलीट्री ईकाइ पर एस-400 मिसाइल और सुखोई लड़ाकू विमान खरीदने के कारण आर्थिक प्रतिबंध थोपने के बाद दी। यह पहली दफा है जब अमेरिका ने किसी तीसरे देश पर सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंध लगाया है।

अमेरिका ने यह एक्ट रूस पर क्रिमीया युद्ध और अन्य इलाकों में अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए बनाया था।

अमेरिकी विभाग ने बताया कि वर्ष 2017 में 33 रूसी खुफिया विभाग और आर्मी पर सीएएटीएसए लगाया था।

अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि इस एक्ट को बनाने का मकसद केवल रूस है। सीएएटीएसए किसी देश की सुरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं है इसका निशाना मात्र रूस है।

उन्होंने कहा सीएएटीएसए के लागू होने के बावजूद चीन ने रूस से दिसंबर 2017 में 10 सुखोई लड़ाकू विमान खरीदे। साथ ही उन्होंने एसए-21 मिसाइल और इसके उपकरण इस साल जनवरी में मंगवाए।

यह दोनों सौदे सीएएटीएसए के लागू होने के बाद किए गए और यह डील रूस की सबसे बड़ी हथियार निर्य़ात करने वाली कंपनी रोजोबोरोन एक्सर्पोट से किए।

भारत और तुर्की जैसे अन्य देशों पर भी ऐसे प्रतिबंध लगाए जाएंगे  या नहीं इस पर अमेरिका ने कोई टिप्पणी नहीं दी।

हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच हुई 2+2 वार्ता में रुस से सुरक्षा सौदा एक अहम मुद्दा था। वार्ता के बाद दिए बयान में वशिंगटन ने संकेत दिए थे कि भारत और रूस के गहरे संबंध होने के कारण अमेरिका रियायत बरत सकता है।

लेकिन चीन पर लगाए इस प्रतिबंध ने भारत के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

ट्रंप कंपनी ने यह साफ तौर पर कहा है कि अगर कोई देश एस-400 मिसाइल जैसे सौदे करता है तो सीएएटीएस एक्ट उन पर लागू होगा।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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