अमेरिका में नियुक्त भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि देश के गिरफ्तार छात्रों के पीछे भारत सरकार का समर्थन है। उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा कि सोमवार तक विदेश मंत्रालय को गिरफ्तार छात्रों तक पंहुच मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि “निश्चित ही चिंतित व तनावग्रस्त है कि इतने भारतीय चाह्त्र एक फर्जी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के मामले में फंसे हैं।” उन्होंने कहा कि हम यहाँ अपने छात्रों के हितो के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए तीव्रता से प्रयास कर रहे हैं।
हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि हिरासत में अधिकतर छात्रों से मुलाकात जल्द ही होगी। हमारे नागरिकों को समस्त देश में पंहुच के लिए अनुमति होनी चाहिए और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
बंगलादेश के पूर्व राजदूत श्रृंगला ने छात्रों को कई कानूनी विकल्प भी समझाए हैं जिससे वह वकीलों की टीम से संपर्क साध सकते हैं। उन्होंने कहा कि जारी हॉटलाइन में सैकड़ों छात्रों के कॉल आये हैं। उन्होंने कहा कि विदेश सचिव ने निर्देश दिए है कि इस मसले को हल करना हमारी उच्च प्राथमिकता है। छात्रों को यह नहीं लगना चाहिए कि वे अकेले हैं, भारत सरकार उनके पीछे खड़ी है।
भारत ने अमेरिका से छात्रों तक राजनयिक संपर्क साधने की मांग की है और इसके लिए विरोध भी प्रकट किया है। भारत ने डिमार्श जारी किया है, जिसके तहत कूटनीतिक तौर पर अपना पक्ष रखना या विरोध जाताना होता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि 129 भारतीय छात्रों को एक फर्जी यूनिवर्सिटी में जानबूझकर दाखिला लेकर अमेरीका मे रहने का आरोप लगाया गया है। पूरे अमेरिका में ऐसी 130 गिरफ्तारियां हुई है जिसमे 129 छात्र भारत के है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि “हमारी चिंता छात्रों की गरिमा और सेहत के कारण है और तत्काल उन तक राजनयिक पंहुच बेहद जरूरी है। ऐसा संभव है कि छात्रों को दाखिले के बहाने धोखा दिया गया हो, मुमकिन है उनके साथ उस स्तर की बदसुलूकी न हुई हो जो धोखादड़ी में शामिल लोगों के साथ हुई होगी।”
मंत्रालय ने कहा कि “हमने अमेरिका से छात्रों से सम्बन्ध सभी जानकारी मुहैया करने और जल्द ही कारावास से आजाद करने का आग्रह किया है। भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने छात्रों से संपर्क साधने के लिए कई कारागारों का दौरा किया था।” उन्होंने कहा कि अभी तक अधिकारी मात्र 30 छात्रों से ही संपर्क कर पायें हैं और शेष सभी से संपर्क साधने की कोशिश जारी है।