यूएस सेंशस ब्यूरो द्वारा जारी अमेरिकी समुदाय सर्वेक्षण रिर्पोट के अनुसार अमेरिकी में हिंदी वक्ताओं की वृद्धि हुई है।
जारी आंकड़ों के अनुसार हिंदी के बाद गुजराती और तेलुगू भाषा अमेरिका में क्रमश: दूसरी व तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली विदेशी भाषा है।
तेलुगू भाषी लोगों में 86 फीसदी का इजाफा हुआ है। 1, जुलाई 2017 तक अमेरिका में रहने वाले पांच वर्ष से अधिक की जनसंखया में से 21.8 फीसदी अंग्रेजी के इतर दूसरी भाषा बोलते हैं।
अमेरिका में हिंदी के 8.63 लाख, गुजराती के 4.34 और तेलुगू के 4.15 लाख वक्ता हैं। रिर्पोट के मुताबिक साल 2010 के बाद तेलुगू बोलने वाले 86 प्रतिशत है जबकि हिंदी और गुजराती बोलने वाले क्रमश 42 प्रतिशत 22 प्रतिशत हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के जारी आंकड़े के अनुसार 26.10 लाख अमेरिकी लोग भारत में जन्म लेते हैं। 33 फीसदी भारतीय अमेरिका में हिंदी बोलते हैं और लगभग 17 फीसदी गुजराती और तेलुगू बोलते हैं।
सीआइएस की रिर्पोट के अनुसार साल 1990 के बाद हिंदी बोलने वालों की संख्या दोगुनी जबकि साल 1980 के बाद यह आंकड़ा तिगुना हो गया है।
सीआइएस के आंकड़ों मे बताया है कि अमेरिका के पांच सबसे बड़े शहरों में रह रहे 48 फीसदी लोग अंग्रेजी भाषा के इतर कोई दूसरी भाषा बोलते हैं।
एसीएस अमेरिकी सरकार द्वारा कराए जाने वाला सबसे बड़ा सर्वे होता है। बंगाली और तमिल अमेरिका में बोली जाने वाली प्रमुख भारतीय भाषाओं में शुमार नहीं है।
हालांकि भारत के अलावा तमिल और बंगाली अन्य देशों की भी बोली है मसलन बंग्लादेश में बंगाली और श्रीलंका, सिंगापुर और मलेशिया में तमिल बोली जाती है। रिर्पोट में सभी देशों का अलग से आंकड़े नहीं बताए गए है।
आप्रवासी विशेषज्ञों के अनुसार तेलुगू भाषी लोगों मे वृद्धि होने का कारण अमेरिका के विशाल तकनीकी क्षेत्र में एच-1 वीजा से अधिकतर आंध्रप्रदेश के कर्मचारी अमेरिका आते हैं।
भारत में राजभाषा हिंदी का जन्मदिवस हर साल 17 सितंबर को मनाया जाता है।