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    ग्रीन कार्ड

    सरकारी अधिकारियों  के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में बीते वर्ष 60,394 भारतीय लोगों को स्थायी नागरिकता मिल गयी है यानी ग्रीन कार्ड मिल चुका है। ग्रीन कार्ड से ये स्थायी नागरिक अमेरिका में रहने और नौकरी के पात्र है। हालाँकि छह लाख भारतीय अभी भी ग्रीन कार्ड का इंतज़ार कर रहे हैं।

    अप्रवासी मुद्दों पर निगरानी रखने वाली भारतीयों द्वारा संस्थापित जीसीरिफॉर्म्स.ओआरजी वेबसाइट के मुताबिक नियमों के अनुसार भारतीयों के कौशल कारीगरों को अभी इंतेज़ार करना होगा क्योंकी ग्रीन कार्ड प्रति देश की दर के मुताबिक दिया जाता है।

    अप्रैल, 2018 के आंकड़ों के मुताबिक 632,219 भारतीय आप्रवासी, उनकी पत्नी और बच्चे ग्रीन कार्ड का इंतज़ार कर रहे हैं। साल 2017 में 60394 भारतीयों को ग्रीन कार्ड मिला था इसमें से अधिकतर 23569 भारतीयों को ग्रीन कार्ड रोजगार के आधार पर मिला था मसलन एच-1 बी वीजा कार्डधारकों को अधिकतर स्थायी नागरिकता दी जा रही है।

    ग्रीन कार्ड के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अमेरिका में स्थायी तौर पर रह सकता और स्थायी नौकरी कर सकता है। भारत के उच्च शिक्षित वर्ग रोजगार के लिए एच-1 वीजा के तहत अमेरिका आते हैं। यह भारतीय नागरिक अमेरिका की हालिया आप्रवासी नीति की मार झेल रहे हैं। अमेरिका में प्रत्येक देश के सात फीसदी नागरिकों को ही ग्रीन कार्ड दिया जा रहा है।

    अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ़ होमलैंड सिक्योरिटी के दो अक्टूबर को जारी किए आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो सालों में भारतीयों को मिलने वाले ग्रीन कार्ड में कमी आई है। रोजगार के आधार पर 137855 एच-1 वीजा होल्डर्स को ग्रीन कार्ड दिया गया है।

    साल 2015 में 64116 भारतियों को अमेरिका की स्थायी नागरिकता दी गयी थी जबकि साल 2016 में आंकड़े 64687 थे। साल 2016 में 1183505 विदेशियों ने ग्रीन कार्ड हासिल किया है जबकि साल 2015 में 1051031 लोगों ने अमेरिका की स्थायी नागरिकता हासिल की थी।

    राष्ट्रों के अनुसार चीन के 71565 नागरिकों को सबसे अधिक ग्रीन कार्ड दिये गए है। क्यूबा और भारत के क्रमशः 65028 और 60394 नागरिकों को स्थायी नागरिकता प्रदान की गई है। भारत के अधिकतम नागरिक ग्रीन कार्ड के लिए इंतज़ार कर रहे हैं।

    आंकड़ों के मुताबिक अमेरिकियों ने साल 2017 में 222 भारतीय बच्चों को गोद लिया है। जिसमे 46 लड़के और 176 लड़कियां है। इसमें से आठ 0-1 वर्ष के बीच है, 170 बच्चे 1-4 व 44 को पांच साल की उम्र में गोद लिया गया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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