अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मार्क सेडविल के साथ शुक्रवार को मुलाकात की और भारत-पाक तनाव को कम करने की जरुरत के बाबत बातचीत की थी। दोनो अधिकारियों ने भारत-पाक समेत वैश्विक मसलों पर चर्चा की थी।
अमेरिकी राज्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने सीरिया, ईरान और दोनो देशो के बीच विशेष संबंधों के बाबत बातचीत की थी। अलबत्ता बारत और पाक के तनाव को कम करने के लिए चर्चा से संबधित कोई जानकारी मुहैया नही की है।
दोनो देशो के नेताओं ने फ्रांस द्वारा मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी की सूची में डालने के प्रस्ताव पर भी बातचीत की है। अमेरिकी विभाग से इसकी जानकारी के लिए अभी अधिक इंतजार करना होगा। पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली है, जिसका सरगना मसूद अजहर हैं।
बीते हफ्ते पी- देशों ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी की सूची में डालने के लिए चौथा प्रयास किया था। इससे पूर्व चीन ने तीन दफा अजहर को सुरक्षित करने के लिए वीटो पॉवर का इस्तेमाल किया था। इसका फैसला आगामी सप्ताह किया जाएगा। हालांकि चीन ने इसके लिए कभी प्रतिबद्धता नही दिखाई थी।
अमेरिका और ब्रिटेन ने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की थी और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में भारत का साथ देने का वादा किया था। अमेरिका ने भारत की आत्मरक्षा के लिए हवाई हमले का समर्थन किया था।
साल 2009 में भारत ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। साल 2016 में भारत ने ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस के साथ यूएन में मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में रखने के लिए प्रस्ताव रखा था। साल 2017 में तीन स्थायी सदस्यों ने ऐसा ही प्रस्ताव रखा, हालाँकि चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया था।
दिसंबर 1999 में अटल बिहारी वाजपयी सरकार के कार्यकाल में मसूद अज़हर को रिहा कर दिया गया था। इसके साथ ही मुश्ताक़ अहमद ज़रगर और ओमर शेख को भी रिहा किया गया था। इन आतंकियों की रिहाई हाईजैक इंडियन एयरलाइन फ्लाइट IC-814 के यात्रियों के बदले की गयी थी।
संयुक्त राष्ट्र ने गुरूवार को जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद की आतंकी सूची से बाहर निकले जाने की अर्जी को खारिज कर दिया है। इसका विरोध पी -5 देशों समेत अफगानिस्तान और भारत ने भी किया था।