अमेरिका ने बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी को आतंकी संगठन करार दिया है। वांशिगटन ने आरोप लगाया कि इस संगठन ने पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिम में स्थित प्रान्त बलूचिस्तान में कई हमलो को अंजाम दिया है।
अमेरिका के राज्य विभाग ने मंगलवार को बयान ने बताया कि “अमेरिका ने बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी को आतंकी संगठन का दर्जा दिया है और हिजबुल्लाह के संचालक हुसैन अली हज़्ज़िमा को एग्जीक्यूटिव आर्डर के तहत वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल कर दिया गया है।”
आतंकी संगठनों पर प्रतिबन्ध
राज्य विभाग ने आतंकी दर्जे में संसोधन किया है जो समूह के नए नाम जैश अल अद्ल और उसके सहयोगियों के नामो को प्रदर्शित करता हो। इन समूहों को विदेशी आतंकी संगठन की सूची में शुमार कर दिया गया है। विभाग ने जुंदल्लाह को विदेश आतंकी संगठन में शुमार रखा है। आज की कार्रवाई हाजिमा, बीएलए और जैश अल अद्ल को खरिज करता है, जो आतंकी हमलो को देते हैं।
हिजबुल्लाह की यूनिट 4 का सरगना हुसैन अली हज़्ज़िमा है। हिजबुल्लाह को साल 1997 में एफटीओ और साल 2001 में एसडीजीटी में शामिल किया गया था। यूनिट 200 हिजबुल्लाह की ख़ुफ़िया इकाई है और यह हिजबुल्लाह की सैन्य इकाई की सूचना तक पंहुच और उसका आंकलन करती है।
बीएलए एक हथियारबंद अलगाववादी समूह है जो सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बनाता है। बीते वर्षों में इस संगठन ने कई आतंकी हमलो को अंजाम दिया था। अगस्त 2018 में बलूचिस्तान में चीनी इंजीनियरो पर निशाना पर फियादीन हमला किया था और नवंबर 2018 में कराची में स्थित चीनी दूतावास में हमले को अंजाम दिया था। बलूचिस्तान की ग्वादर सिटी में मई 2019 में एक आलिशान होटल में हमला किया था।
जुंदल्लाह को साल 2010 में एफटीओ और एसडीजीटी का दर्जा दे दिया था। इसके बाद साल 2012 में उन्होंने जयेश अल अद्ल का नया नाम ले लिया था। इस संगठन ने कई आतंकी हमलो को अंजाम दिया है। फरवरी 2019 में आत्मघाती हमले और अक्टूबर 2018 में ईरानी सुरक्षा सैनिक का अपहरण किया था।
अमेरिकी विभाग के मुताबिक, आतंकी समूहों और अलगाववादी संगठनों की अमेरिकी वित्तीय प्रणाली तक पहुंच को हम ख़ारिज करते हैं। आतंकी संगठन का दर्जा अमेरिकी विभागों और अन्य सरकारों की कानून प्रवर्तन गतिविधियों के लिए मददगारी साबित हो सकती है।