फ्रांस के विदेश मंत्री ने गुरूवार को अमेरिका और ईरान को वार्ता को बहाल करने के लिए एक महीने की मोहलत दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि तेहरान साल 2015 की अंतर्राष्ट्रीय परमाणु संधि की प्रतिबद्धताओं से पीछे हटकर यूएन के नियमो का उल्लंघन कर रहा है जो मध्य पूर्व में नए तनावों को उत्पन्न कर कर सकता है।
फ्रांस के विदेश मंत्री जीन ली ड्रायन ने विदेश मामलो के पैनल के समक्ष कहा कि “हमारे विचार से यह पहल अभी भी टेबल पर है और इसे अधिकार में बेहद कम समय में लेना ईरान और अमेरिका पर निर्भर करता है क्योंकि ईरान ने नवम्बर में की गयी वियेना संधि की प्रतिबद्धताओं से पीछे हटने का कदम उठाने का ऐलान किया है।”
बीत हफ्ते फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन ने वांशिगटन और तेहरान के बीच मध्यस्थता के प्रयास किये थे लेकिन नाकाम रहे। न्यूयोर्क में संयुक्त राष्ट्र के 74 वें सत्र में इतर मैक्रॉन ने मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा कि “प्रतिबद्धताओं से पीछे हटने का ईरान का अगला कदम नवम्बर में लिया जायेगा। यह इस्लामिक गणराज्य क खिलाफ यूरोपीय ताकतों को प्रतिकारी कार्रवाई करने के लिए मजबूर करेंगे।”
उन्होंने कहा कि “यह कदन नए तनावों के जोखिमो के युग का नेतृत्व करेगा और नया तनाव बढेगा इसलिए हमें आगे बढ़ने के लिए राजनीतिक स्पेस से फायदा लेना चाहिए। यह मानक अभी भी मौजूद है और हमें इसके साथ आगये बढ़ना चाहिए और फ्रांस की कूटनीति इस पर कार्य कर रही है।”