अमेरिका ने पाकिस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन करने वालों की सूची में डाला है। इससे पाकिस्तान पर अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार करने का दबाव बढ़ा है। अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने कहा कि पाकिस्तान को उन्होंने चिंताजनक देशों की फेराहिश्त में शामिल किया है। कांग्रेस की सालाना रिपोर्ट में पाकिस्तान सरकार पर धार्मिक अधिकार का उल्लंघन बंद करने का दबाव बनाया है।
अमेरिका ने पाकिस्तान को एकवर्ष पूर्व विशेष निगरानी सूची में डाला था ताकि इस्लामाबाद पर धार्मिक सुधारों के बाबत दबाव बनाया जा सके। मानव अधिकार समिति ने कई बार पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार करने पर आवाज़ उठायी है।
हाल ही में पाकिस्तान में क्रिस्चियन महिला आसिया बीबी को शीर्ष अदालत ने रिहा कर दिया था, जिन्हें ईशनिंदा के आठ साल चले मामले में मृत्यु दंड दिया गया था।
माइक पोम्पेओ ने कहा कि विश्व में कई लोगों को शोषण का शिकार होना पड़ता है जो अपनी धार्मिक आस्था के साथ शांतिपूर्वक अपना जीवन व्यतीत करते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस अत्याचार को देखर दर्शक बना नहीं रहेगा।
सीएनएन के मुताबिक पाकिस्तान के आलावा इस सूची में नौ अन्य देश भी शामिल है, चीन, इरीट्रिया, ईरान, म्यांमार, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब, सूडान, तजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान हैं।
अमेरिका ने इस सूची से उज्बेकिस्तान को हटा दिया है लेकिन उसे निगरानी सूची में रखा है। साथ ही इस सूची में रु का नाम भी शामिल किया है। अमेरिका और रूस के सम्बन्ध तनावग्रस्त चल रहे हैं। रूस ने अमेरिका में जेहोवा समुदाय के साथ हो रहे उत्पीड़न के मुद्दे को उठाया है
इसके आलावा अमेरिका की सूची में हिन्द महागर का द्वीप कोमोरोस भी है. जिसमे सुन्नी मुस्लिम बहुसंख्यक हैं। अमेरिका और पाकिस्तान के मध्य तल्खिया चल रही है, अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवादियों का सुरक्षित पनाहगार बताता है, जबकि पाकिस्तान अपनी बर्बादी का ठीकरा अमेरिका पर फोड़ता है।