पकिस्तान ने अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा कि वांशिगटन इस्लामाबद को पीछे धकेल रहा है और उन्होंने कहा कि उन्हें वांशिगटन के साथ कोई रिश्ता नहीं रखना है, जहां उनके देश के साथ बदसलूकी की जाए। उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान दूसरों के युद्ध के लिये अपने काँधे नहीं देगा और न ही कीमत के लिए कोई जंग लडेगा।
गौरतलब है कि बीते वर्ष अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया की नीति के ऐलान के बाद दोनों राष्ट्रों के मध्य खटास आ गयी थी। अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों पर आतंकियों के निरंतर हमले के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान को आतंवादियों का सुरक्षित पनाहगार बताया था।
अमेरिका के साथ संबंधों के बाबत इमरान खान ने कहा कि उन्हें अमेरिका के साथ अच्छे सम्बन्ध रखने हैं। उन्होंने कहा कि चीन के साथ पाकिस्तान के सम्बन्ध एक तरफ़ा नहीं है, यह दो देशों के मध्य व्यापार सम्बन्ध है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ भी ऐसा ही सम्बन्ध चाहता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का झुकाव चीन की तरफ नहीं बढ़ रहा है बल्कि अमेरिका के व्यवहार के कारण दोनों राष्ट्रों के द्विपक्षीय सम्बन्ध जूझ रहे हैं। इमरान खान ने कहा कि अमेरिकी नीतियों से असहमति का मतलब यह नहीं कि वह अमेरीकी विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका की आतंकवादियों के खिलाफ जंग में हमने कई सैनिक, नागरिक और पाकिस्तान बम धमाकों से पीड़ित रहा है, इसके बावजूद अमेरिका की विश्वास में कमी बेहद अफसोसजनक है।
पाकिस्तान में आतंकियों को सुरक्षित पनाह देने के आरोपों को इमरान खान ने खारिज किया और कहा कि पाकिस्तान में कोई शरणस्थल नहीं है। अफगानिस्तान में जारी युद्ध पर उन्होंने कहा कि अफगान शांति के लिए वार्ता प्रक्रिया के लिए वह प्रतिबद्ध है।
इमरान खान ने कहा कि मैं कई सालों से कह रहा हूं कि अफगान मसले का हल सेना के जरिये नहीं निकल सकता है लेकिन वह मुझे तालिबान खान कहकर बुलाने लगे थे। उन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिका की शांति के लिए बातचीत प्रयासों का स्वागत किया है।