अमेरिका के स्टेट ऑफ यूनियन एडरेस में डोनाल्ड ट्रम्प ने एक नई परमाणु संधि का करने की योजना बना रहा है, जिसमे भारत भी शामिल है। रूस के साथ इंटर मीडिएट रेंज न्यूक्लियर फ़ोर्स संधि को तोड़ने का अमेरीकी राष्ट्रपति ने बचाव किया है। उन्होंने अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि “हम सभी अन्य समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं, इसमे चीन और अन्य शामिल हो सकते हैं।”
परमाणु संधि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रेगन और सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के जनरल सचिव मिखाइल गोर्बाचेव के मध्य साल 1987 में हुई थी। भारत की अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइल इसके अंदर आ सकती है। इसके अलावा पाकिस्तान की बाबर, शाहीन और ग़ौरी भी इसके तहत आएगी।
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि रूस निरंतर नियमो का उल्लंघन कर रहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति का राज्य को संबोधन पूर्व में रद्द कर दिया गया था क्योंकि डोनाल्ड ट्रम्प ने दीवार के निर्माण के लिए सरकारी कामकाज ठप कर दिया था।
अफगानिस्तान में तालिबान के साथ बातचीत की प्रक्रिया पर उन्होंने कहा कि “मेरा प्रशासन अफगान में कई समूहों के साथ बातचीत कर रहा है, जिसमे तालिबान भी शामिल है। अगर हम इस बातचीत मव सफल साबित हुए तो हम अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की संख्या को कम कर सकेंगे और आतंकवाद को खत्म करने पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे। हम नही जानते कि हम किसी समझौते पर पंहुच पाएंगे या नही, लेकिन दो दशकों के बाद ऐसा लगेगा कि हमने शांति का प्रयास किया।”
भारत के साथ व्यापार मसलों पर डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “यदि कोई देश अमेरीकी उत्पादों पर बेफालतू शुल्क लगाएंगे, हम उनके उत्पादों पर उतना ही टैरिफ लगाएंगे, जो वह हमें बेचते हैं।”