अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को दावा किया कि “उनका प्रशासन दुनिया में सबसे अमेरिकी दवा की कीमतों को कम करने के लिए एक कार्यकारी प्रस्ताव पर काम कर रहा है। हम एक बेहतर कानून पर कार्य कर रहे हैं, जिसके तहत हमें दुनिया की सबसे कम कीमत पर दवाइयां मिलेगी।”
उन्होंने कहा कि “जैसा कि आप सभी जानते हैं, वर्षों के लिए अन्य देशों ने दवाओं के लिए कम भुगतान किया है, और यह अंतर 60 प्रतिशत, 70 प्रतिशत का रहा है। राष्ट्रपति ने दवा कंपनियों पर “लंबे समय तक प्रणाली का लाभ उठाने” का आरोप लगाया है। अमेरिकी दवा की कीमतें पड़ोसी मुल्ककों नाडा और मैक्सिको के साथ-साथ यूरोप में भी कम होती रही हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि “कनाडा जैसे अन्य राष्ट्रों में क्यों, अन्य राष्ट्रों को हमसे कम भुगतान क्यों करना चाहिए? अब इस मामले को मैं कार्यकारी आदेश के जरिये संभालूँगा।”
इस महीने की शुरुआत से संयुक्त राज्य अमेरिका की कंपनियों को टेलीविज़न विज्ञापनों के जरिये अपनी दवाओं की कीमत का खुलासा करना होगा। ट्रम्प ने इसकी ऐतिहासिक पारदर्शिता के लिए सराहना की है। आधे से अधिक अमेरिकियों के पास स्वास्थ्य बीमा है, जो सालाना हजारो डॉलर तक पंहुचता है और कई मामलों में टो यह 5,000 या 6,000 डॉलर से अधिक सालाना पंहुचता है।
कई नागरिकों को पूरी दवा की कीमत तब तक चुकानी होती है जब तक कि उन्होंने अपनी वार्षिक कटौती के अनुरूप राशि को खर्च नहीं कर दिया हो। राष्ट्रपति के दबाव के बावजूद, अमेरिकी फार्मास्युटिकल दिग्गज फाइजर ने जनवरी में 41 दवाओं की कीमत बढ़ा दी थी। यह उसके ड्रग पोर्टफोलियो का 10 प्रतिशत है।
अन्य दवा कंपनियों की तरह, फाइजर को अपनी सबसे बड़ी मशहूर दवाओं में से कुछ के लिए नुकसान उठाना पड़ रहा है। निर्माता कीमतों में बढ़ोतरी को जायज ठहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि “उन्हें अनुसंधान और विकास के लिए भुगतान करने की जरुरत है।”