उत्तर कोरिया ने गुरूवार को कहा कि “जब तक अमेरिका और दक्षिण कोरिया के हमारे खिलाफ सैन्य खतरे को नहीं रोकता हमें बातचीत करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।” एक दिन पूर्व ही दो अमेरिकी लडाकू विमानों ने दक्षिण कोरिया की तरफ उड़ान भरी थी।
उत्तर कोरिया में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टेफेन बिगुन ने भी कहा था कि परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता की पहल के लिए वांशिगटन तैयार है। डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के बीच वियतनाम के हनोई में दूसरे शिखर सम्मेलन के बाद वार्ता का सिलसिला थमा हुआ है।
इस सम्मेलन में दोनों पक्षों के बीच कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पायी थी और इसमें किसी समझौते के बगैर सम्मेलन को रद्द कर दिया था। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के अज्ञात प्रवक्ता ने बयान में कहा कि दक्षिण कोरिया में एफ-35 लडाकू विमानों की मौजूदगी एक बेहद भड़काऊ कृत्य है।
उन्होंने कहा कि “सभी मसलो को बातचीत और चर्चा के जरिये शांतिपूर्ण तरीके से हल करने हमारी स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आएगा। सैन्य खतरे के साथ वार्ता में हमारी कोई दिलचस्पी नहीं है।” बुधवार को दो एफ-35 लडाकू विमानों को दक्षिण कोरिया भेजा गया था।
सीओल में बिगुन ने पत्रकारों से कहा था कि वांशिगटन की इच्छा उत्तर कोरिया के साथ ठप पड़ी वार्ता को बहाल करना है।
हाल ही में उत्तर कोरिया ने पांचवी दफा मिसाइल को दागा था। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पियोंग्यंग के मिसाइल परिक्षण को कमतर आँका और कहा कि इससे सिंगापुर समझौते के किसी भी भाग का उल्लंघन नहीं हुआ है। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने डोनाल्ड ट्रम्प को तीन पन्नो का पत्र लिखा था और इसमें सैन्य अभ्यास के प्रति नाखुशी जाहिर की थी।