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    दक्षिण कोरिया-अमेरिका विवाद

    दक्षिण कोरिया अमेरिका के ओबामा कार्यकाल में स्टील पाइप पर अतिरिक्त शुल्क विवाद पर सालाना 35 करोड़ डॉलर के प्रतिबंधों को लागू करने की मांग कर रहा है मंगलवार को सीओल ने विश्व व्यापार संघठन में अपना पक्ष रखा था। दक्षिण कोरिया अमेरिका के अतिरिक्त शुल्क को चुनौती देने के लिए साल 2014 में डब्ल्यूटीओ गया था।

    वांशिगटन ने कहा कि “शुल्क का मकसद दक्षिण कोरिया को बेहद कम कीमत पर गलत तरीके से उत्पादों का निर्यात करने से रोकना था। दक्षिण कोरिया की डब्ल्यूटीओ में आंशिक जीत के बाद अमेरिका के समक्ष हुकुम का पालन करने के लिए 12 जुलाई तक का वक्त था।”

    दक्षिण कोरिया ने कहा कि “अमेरिका इसे करने में विफल रहा है और उन्होंने प्रतिबन्ध व्यापार नुकसान को बराबर करने के लिए लगाये थे। उपलब्ध आंकड़ो के मुताबिक, यह स्तर तक़रीबन सालाना 35 करोड़ डॉलर का है। यह रकम अमेरिका के ओसीटीजी बाजार की वार्षिक वृद्धि दर को लागू करके समायोजित की जाएगी। 

    दक्षिण कोरिया अमेरिका के कुछ चयनित उत्पादों पर शुल्क थोपने की योजना बना रहा है, जिसका वह बाद में ऐलान करेगा। दक्षिण कोरिया का अमेरिका को ओसीटीजी निर्यात साल 2013 में 81.8 करोड़ डॉलर था। दक्षिण कोरिया ने प्रतिबंधों के लिए आग्रह किया है लेकिन अमेरिका एक और चरण की कानूनी खटपट को शुरू कर सकता है।

    डब्ल्यूटीओ का सिस्टम पक्षों को असहमतियों को सुलझाने के लिए प्रोत्साहित करने का कार्य करता है और व्यापार प्रतिबंधों को लागू करना एक दुर्लभ परिणाम होता है। फ़रवरी में दक्षिण कोरिया ने वांशिगटन पर 8.5 करोड़ डॉलर के सलाना प्रतिबन्ध थोपने के अधिकार को जीता था। इस दौरान दोनों के समक्ष वांशिग मशीन को लेकर मतभेद हुए थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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