अमेरिका के उत्तर कोरिया के साथ संबंध तनावपूर्ण बने हुए है। उत्तर कोरिया ने अमेरिका को परमाणु हमले की धमकी दी थी जिसके बाद से ही दोनों देश आमने-सामने हो रखे है। उत्तर कोरिया लगातार अमेरिका को परमाणु हमले करने के लिए डरा रहा है वहीं अमेरिका भी अब उत्तर कोरिया से निपटने के लिए अन्य एशियाई देशों की सहायता ले रहा है।
इसी के मद्देनजर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एशियाई दौरे पर निकले है। जापान से समर्थन प्राप्त करने के बाद अब ट्रंप दक्षिण कोरिया पहुंचे है। उत्तर कोरिया का सामना करने के लिए अमेरिका को दक्षिण कोरिया को अपने साथ लेना होगा। इसके साथ आने से उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए दबाव भी बनाया जा सकेगा।
दोनों देश मिलकर बनाएंगे उत्तर कोरिया पर दबाव
ट्रंप का ध्यान फिलहाल तो उत्तर कोरिया पर किसी भी तरह से दबाव बनाते हुए परमाणु हमले के लिए रोकना है। दोनों देशों के बीच तनाव इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग व डोनाल्ड ट्रंप एक-दूसरे को युद्ध की धमकी भी दे चुके है।
अमेरिका जानता है कि उत्तर कोरिया पर लगाम लगाने के लिए दक्षिण कोरिया की मदद लेना काफी जरूरी है। बिना दक्षिण कोरिया की मदद के उत्तर कोरिया की समस्या का समाधान भी नहीं निकल पाएगा। परमाणु परीक्षण की वजह से दक्षिण व उत्तर कोरिया के बीच में भी काफी समय से तनाव बना हुआ है।
दक्षिण कोरिया में पहुंचने के बाद ही ट्रंप हेलीकॉप्टर से सियोल के निकट एक सैन्य शिविर में पहुंचे है। यहां पर ट्रंप ने कोरियाई प्रायद्वीप के साथ ही अमेरिकी सैन्य बलों की समीक्षा भी की। दो दिवसीय यात्रा पर दक्षिण कोरिया आए ट्रंप ने अमेरिकी व दक्षिण कोरियाई सैनिकों के साथ में भोजन किया।
सैन्य बलों की समीक्षा का उद्देश्य किसी भी समय युद्ध की परिस्थति के लिए उन्हें तैयार करना है। गौरतलब है कि इससे पहले जापान में ट्रंप ने उत्तर कोरिया को चेतावनी देते हुए कहा था कि सब्र का बांध कभी भी टूट सकता है।