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    तुर्की

    अमेरिका ने शुक्रवार को तुर्की को जुलाई के अंत तक का अल्टीमेटम दे दिया है ताकि वह रूस के साथ हुए मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद को रद्द कर सके। वांशिगटन के मुताबिक यह खरीद एफ-35 लड़ाकू विमान कार्यक्रम में भागीदारी को खत्म कर सकता है।

    रायटर्स के मुताबिक रक्षा क्षेत्र के उपसचिव एलेन लार्ड ने कहा कि “अगर 31 जुलाई तक तुर्की एस-400 प्रणाली के सौदे को रद्द नहीं करता तो अमेरिका में एफ-35 की तुर्की के पायलटो के प्रशिक्षण को रोक दिया जायेगा, इसके साथ ही तुर्की की कंपनियों के साथ एफ-35 स्टील्थ वॉरप्लेन के निर्माण के सौदे को भी रद्द कर दिया जायेगा।”

    लार्ड ने कहा कि “यह समयसीमा एफ-35 से जुड़े तुर्की के सैनिको को दोबारा सौंपने के लिए पर्याप्त है। तुर्की की एक व्यवस्थित भागीदारी के साथ एक अमेरिका को  अलविदा कहा जा सकता है।” उन्होंने कहा कि “यह अल्टीमेटम इसलिए दिया गया है क्योंकि तुर्की ने अपने सैनिको को एस-400 के प्रशिक्षण के लिए रूस भेज दिया है।”

    मंगलवार को तुर्की के राष्ट्रपति रिचप तैय्यप एर्डोगन ने कहा कि “उनका देश रूस के साथ किये गए समझौते को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।” अमेरिकी अधिकारीयों ने कहा कि “तुर्की को अमेरिकी पेट्रियट एयर डिफेन्स सिस्टम को खरीदने का चयन करना चाहिए न कि एफ-35 कार्यक्रम को जारी रखने के लिए बहस करनी चाहिए।”

    तुर्की ने अमेरिका से 100 एफ-35 विमानों को खरीदने की योजना बनायीं थी और उनके रक्षा उद्योग ने जंगी विमानों के उत्पादम में भारी निवेश किया है। एर्डोगन ने कहा कि “अंकारा पेट्रियट मिसाइल के सौदे की तरफ कदम बढ़ाएगा लेकिन वांशिगटन को मॉस्को की तरह डिलीवरी की शर्तो को सकारात्मक रखना होगा।”

    उन्होंने कहा कि “अफ़सोस हमें अमेरिकी पक्ष की तरफ से कोई सकारात्मक प्रस्ताव नहीं मिला है।” अमेरिका ने जून 2018 में तुर्की को चार एफ-35 विमान भेजे थे लेकिन तुर्की के पायलटो को प्रशिक्षित करने के लिए विमानों को अमेरिका में ही रखा गया था।

    लार्ड ने कहा कि “अगर रूस 31 जुलाई तक रूस के साथ किये सौदों को वापस नहीं लेता तो एफ-35 के पार्ट बनाने वाली तुकी कंपनियों को दिए कॉन्ट्रैक्ट को किसी अन्य कंपनी को दे दिया जायेगा। 937 कंपोनेंट्स में से 400 भाग सिर्फ तुर्की में ही निर्मित होते हैं।”

    उन्होंने कहा कि “ऐरोनॉटिक की दिग्गज लॉकहीड मार्टिन और इंजन मेकर प्रैट एंड व्हिटनी ने नए सप्लायीरो की खोज भी शुरू कर दी है। हालाँकि तुर्की की कंपनियां काम हो रहे उपकरणों को बनाने में सक्षम होगी। तुर्की की भागेदारी साल 2020 के शुरूआती दौर में खत्म हो जाएगी।”

    उन्होंने कहा कि “तुर्की के समक्ष अभी भी विकल्प मौजूद है। अगर तुर्की एस-400 की डिलीवरी को स्वीकार नहीं करेगी तो हम भी वापस सामान्य स्थिति में लौट आएंगे।” अमेरिका की सेना के इतिहास में एफ-35 सबसे अधिक खर्चीला कार्यक्रम है और इसे साल 1990 में लांच किया गया था। पेंटागन के आंकलन के मुताबिक, इसकी लागत 400 अरब डॉलर है और इसका लक्ष आगामी एक दशक में 2500 विमाओ का उत्पादन करना है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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