तालिबान अपने लड़ाको के प्रशिक्षण का प्रचार कर रहा है और गठबंधन सेनाओं और अफगान पर हमलो का प्रचार करता है जबकि यह समूह अमेरिका के साथ शान्ति समझौते पर हस्ताक्षर करने के काफी करीब है। चरमपंथी समूह ने अपनी अधिकारिक वेबसाइट पर एक विडियो को जारी किया था।
वोइस ऑफ़ जिहाद में जारी विडियो में रविवार को दिखाया गया कि गठबंधन सेना और अफगान पर हमलो के लिए तालिबान लडाको को प्रशिक्षण दे रहा है। विडियो के एक शॉट में दिखाया गया है कि समूह तालिबान के झंडो के साथ एमयूवी में यात्रा कर रहा था।
एक सीन संकेत देता है कि तालिबान दिन के उजाले में बगैर किसी खौफ के आवाजाही कर सकते हैं। उन्हें इस बात का भय नहीं है कि अमेरिकी, अफगानी या पाकिस्तानी सेना उन पर हमला कर सकती है। एक अन्य सीन में दिखाया गया है कि समूह एक पास हथियारों का जखीरा है और वह घुड़सवारी अफगानी तालिबान के झंडो को लहरा रहे थे।
इस विडियो चरमपंथी समूह के अभियान का हिस्सा है कि वह अफगान सरकार के खिलाफ संघर्ष को जारी रखेंगे। अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच शान्ति प्रक्रिया का दौर जारी है और तालिबान ने संकेत दिया है कि वह शान्ति समझौते पर दस्तखत करने के काफी नजदीक है।
अफगानिस्तान की सरजमीं से अमेरिका हज़ारों सैनिको की वापसी की तैयारियों में जुट गया है। समझौते के तहत अमेरिका अपनी सेना को वापस बुलायेगा और 18 वर्षो की जंग समाप्त होगी।
इस माह की शुरुआत में ख़लीलज़ाद ने कहा था कि तालिबान ने संकेत दिए हैं कि वे शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के इच्छुक है। तालिबान ने यह भी कहा कि वह समझौते पर पंहुचने के लिए आशावादी है।
ट्रम्प ने बेडमिंस्टर में उपराष्ट्रपति माइक पेन्स, राज्य सचिव माइक पोंपियो, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन, रक्षा सचिव माइक एस्पर, जॉइंट चीफ जोफ स्टाफ के सेक्रेटरी जनरल जोसफ डुंफोर्ड और जलमय ख़लीलज़ाद से मुलाकात की थी।