अमेरिका और तालिबान के बीच छठे स्तर की वार्ता बुधवार को क़तर में शुरू होगी। यह जानकारी तालिबान के अधिकारी ने साझा की है। अमेरिका 18 वर्ष की जंग को समाप्त करने के लिए वार्ता कर रहा है।
हाल ही में तालिबान और अमेरिकी अधिकारियों के बीच पांच स्तरों की बातचीत हुई थी। वांशिगटन इस जंग के अंत का समाधान तलाश रहा है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजहाहीदके मुताबिक उनकी वार्ता आज दोहा से शुरू होगी। काबुल में अमेरिकी दूतावास ने इस पर कोई टिप्पणी नही की है लेकिन अमेरिका विभाग ने कहा था कि उनके शांति दूत जलमय ख़लीलज़ाद दोहा की यात्रा पर जाएंगे और तालिबान से मुलाकात करेंगे।
जलमय ख़लीलज़ाद का जन्म अफगानी सरजमीं पर हुआ है और वह अफगानिस्तान में पूर्व अमेरिकी राजदूत थे। दोनो पक्षो के बीच सुलह प्रक्रिया के लिए कई महीनों तक जलमय ख़लीलज़ाद अफगानिस्तान में मौजूद है।
रविवार को उन्होंने कहा कि “इस जंग को खत्म करने के लिए वांशिगटन को संयमता रखनी चाहिए। अमेरिकी करदाताओं के 45 अरब डॉलर प्रतिवर्ष इसमे खर्च किये जाते है। 11 सिंतबर 2001 में अमेरीकी सैनिको की अफगान में मौजूदगी के बाद 2400 सैनिको की मौत हुई है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दिसंबर में कहा था कि वह अफगानी सरजमीं से 14000 में से आधे सैनिको की वापसी चाहते है ।
काबुल में समझौता
ख़लीलज़ाद ने निरंतर ज़ोर देते हुए कहा है कि जब तक सब रज़ामंद नही हो जाते कोई भी अंतिम समझौता नही होगा। समझौते के अनुसार अमेरिका ने अफगानी सरजमीं से सैनिको की वापसी पर हामी भरी थी। इसके बदले तालिबान ने आतंकी समूहों द्वारा देश में सुरक्षित पनाह न देने का वादा किया था।
बीते माह दोहा में अफगान वार्ता का आयोजन होने था लेकिन अफगानी राष्ट्रपति ने प्रतिनिधि समूह की दक लंबी सूची तैयार की थी जिस पर तालिबान रज़ामंद नही था और यह आयोजन रद्द कर दिया गया था।
ख़लीलज़ाद ने बीते हफ्ते मॉस्को और बीजिंग की यात्रा की थी और उन्होंने अफगान समझौते का समर्थन किया था। अफगानिस्तान में हिंसक माहौल भी भी जारी है।