चीन की सेना ने हाल ही में दक्षिणी पूर्वी बंदरगाह पर वायु और नौसैन्य ड्रिल का आयोजन किया था। रक्षा मंत्रालय ने यह ऐलान तब किया जब चीन ने अमेरिका से ताइवान को हथियार बेचने की मंज़ूरी को रद्द करने की मांग की थी। रविवार को एक बयान में मंत्रालय ने इस अभियान को एक अनियमित आयोजन करार दिया था, जो सेना के लिए वार्षिक योजना थी।
राष्ट्रपति की राजनयिक संबंधो को बनाने की कोशिश
शुक्रवार को चीन ने कहा कि “वह ताइवान को 2.2 अरब डॉलर के हथियार बेचने वाली कंपनी पर प्रतिबन्ध थोपेगा। यह चीन की संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नुकसानदायक है।” हाल ही में ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वैन ने कैरिबियाई कूटनीतिक सहयोगियों से मुलाकात के लिए न्यूयोर्क की यात्रा की थी।
इस यात्रा ने चीन को क्रोधित कर दिया था, इस कड़वी व्यापार जंग से अमेरिका और चीन के सम्बन्ध मजीद खराब हुए हैं।अमेरिका के लिए जाने से पूर्व त्साई ने कहा कि “द्वीप विदेशी ताकतों से खतरे को भाप रहा है।” यह चीन की तरफ इशारा था।
रविवार को ताइवान के राष्ट्रपति दफ्तर से राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल त्साई मिंग येन ने कहा कि “त्साई ने टेलीफोन पर अमेरिका की हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी से बातचीत की थी और अमेरिका में उन्होंने अन्य सांसदों और कांग्रेस के सदस्यों से भी मुलाकात की थी।”
त्साई ने कहा कि “तायपेई और वांशिगटन करोइबी संबंधो पर जो दे सकते हैं और साथ ही अमेरिका को ताइवान के जलमार्ग की सुरक्षा की अहमियत से जुड़े रहने और हालिया हथियार बेचने की मंज़ूरी के लिए शुक्रिया कहा था।”
कैरिबियाई मित्रों का साथ
चीन ने हालिया वर्षों में ताइवान के करीब सिंय ड्रिल को तीव्र कर दिया है। इसमें ताइवान के जलमार्ग पर युद्धपोत भेजना और अभियान शामिल है।
शनिवार को त्साई ने हैती की एक छोटी यात्रा की थी और यह तायपेई के कैरिबियाई सहयोगियों को एकजुट करने का प्रयास था। त्साई के राष्ट्रपति बनने के बाद पांच देशों ने तायपेई के साथ संबंधों को तोड़ दिया था, बीते वर्ष डोमिनिकन रिपब्लिक ने ताइवान के साथ राजनयिक संबंधों को खत्म कर दिया था।
यात्रा के दैरान राष्ट्रपति ने अपने हैती के समकक्षी जोवेनेल मोइसे के साथ शिक्षा और संरचना में संभावित सहयोग पर चर्चा की थी। हैती उन सत्ताराह देशों में शुमार है, जो अधिकारिक तौर पर ताइवान को मान्यता देते हैं। तायपेई को देश में बिजली समस्या में सुधार के लिए 15 करोड़ डॉलर की मदद की थी लेकिन यह आवंटन अभी तक मुमकिन नहीं हो सका है।
अमेरिका के अधिकारीयों ने एल साल्वाडोर को ताइवान से रिश्ता तोड़ने के खिलाफ चेतावनी दी है। ताइवान बीते सात दशकों से अपनी सरजमीं पर हुकूमत कर रहा है लेकिन अधिकतर देशों ने उसे मान्यता नहीं दी है। मौजूदा वक्त में तायपेई का अमेरिका सबसे ताकतवर अनौपचारिक मित्र है।